पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य हे इसका आधार हे कर्म फल का
सिद्धांत गीता के अनुसार मानुष अपने कर्मो के आधार पर ही अगला जन्म प्राप्त करता हे मरता तो जड़ शरीर हे किंतु सूक्ष्मशरीर ; अपने स्वरूप और संस्कार के अनुरूप फ़िर एक
नया शरीर धारण करता हे इसीलिए कहते हे पहले बनी प्रारब्ध ;पाछे बना शरीर अमेरिका के वैज्ञानिको ने इस विषय की गहराईमें जा कर खोज की हे सत्य को पाने के लिए डॉक्टर स्टीवेंसन ने विश्व के ६०० से अधिक प्रमाण जुटाए हे उसमे १७० प्रमाण भारत से लिए हे उनोने स्पष्ट किया हे कि पुनर्जन्म कि घटने संयोग न होकर यथार्थ हे
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