Monday, September 8, 2008
केसिनो का राज्य -स्वछंद -लॉस वेगास
लाग -वेगास का हम देसी भाषा में एक अर्थ -हारिए बेलगाम होकर -भी लगा सकते हें !यह जुअरियो और उनसे खेलेने ,खिलने वाली अप्सराओं का स्वर्ग हे !जहा जीत कर भी ,फ़िर हारना ही अच्छा लगता हे ! दुनिया के द्युत खिलाडियो में इसका मीठा मीठा प्रचार हो चुका हे !केसिनो में पेट भरा जुयारी अपने उत्पाती अभिमान को तुष्ट करता हे !यह अमेरिका का नए ढंग का पर्यटन केन्द्र बन गया हे जहा चार पाँच सो होटल केसिनो के दम पर तगडी कमाई कर रहे हे !इन विकसित केसिनो का इंटीरियर हमने किसी फाइव स्टार होटल में भी नही देखा !पर्यटक जानकारी के लिए -
www lagvegasnm.org--and for hotel --wwwplazahotel.nm.com पर सम्पर्क कर सकते हे !
अमेरिका के कई स्टेट में हर जगह विज्ञापन बोर्ड लगाने की अनुमति नही !राजधानियो में २०-२५ होर्डिंग ऐसे दिखाई दिए जो टाटा ४०७ जेसे ट्रक खम्बा फिट कर लगा दिया जाता हे !यह९० प्रतिशत विज्ञापन मेग्जिन या फ्री अखबारों में समाया रहता हे !बडी चेन वाली व्यापारिक फर्म अपनी गाइड बुक निकलती हे जिसमे उसी ट्रेड सम्बन्धित दूसरी दुकानों तथा एजेंट स के एड भी होते हे !फर्मो की इन बुकलेट्स में मुख्यता अपने सामान का ही बडे आकर्षक ढंग से विज्ञापन किया होता हे !यहाँ आनलायन ट्रेडिंग अधिक हे हर कम्पनी ,होटल रेस्टोरेंट या सप्लायर की अपनी वेब साइड हे !छोटी दुकानों या येलो पेजिज़ की फोन इमेल जानकारी गूगल -मेल या इंटर नेट पर मिल जाती हे एअर -ट्रेन -बस और होटल-रिसोर्ट की बुकिंग तो घर बेठे नेट पर हो जाती हे क्योकि यहाँ एसा कोई वर्कर नही जिसके पास क्रेडिट कार्ड न हो !हर समझ दार ,दूरदर्शी नागरिक अपने पास अ.टी.म.एवं क्रेडिट कार्ड रखता ही हे !बेंक अपने ग्राहकों को कड़क ठण्ड के महीनो एक सुविधा और देते हे !ऐसी गाड़ी ऐसी दफ्तर बाहर --०४ डिग्री ठण्ड ,मुंबई का ड्राफ्ट बनाना था हमारी कार कोअप बेंक के पोर्च में पहुची !उस दिन ठण्ड -?-एक मिनिट में कुल्फी बन जाए !कार से निकलना जोखिम लगा ,क्या करें ? तभी सामने कांच की खिड़की से देखते हुए कर्मचारी की आवाज़ सुनाई दी !वाट केंन आई दू फार यू पोर्च में लगे कन्स्फ्रेंस फोन पर हमने भी अपनी बात कही ?तब बेंक कर्मचारी ने बताया कार में बेठे बेठे पोर्च में लगे ६"व्यास के कमर्शियल पाइप में अपना लोकल चेक एवं डी डी फार्म रख दे !हमने निर्देश का पालन किया ,कार में बेठे संगीत सुनते रहे !पाँच मिनिट में मुंबई का ड्राफ्ट इलेक्ट्रानिक पाइप में उसी जगह में बन कर आ चुका !हमने नयी तकनीक एवं बेंक को धन्यवाद दिया और आगे बद गए !
Sunday, September 7, 2008
यू -एस -सभ्यता एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता -
यू -एस की पहचान हमे अपनी आजादी के बाद ही मिली हे !स्पेन देश का एक उत्साही नाविक था !उसने कभी हिंदू -सभ्यता कीई तारीफ़ sunii होगी ,उसी जिज्ञासा को लेकर वहहिंदुस्तान की खोज करने निकल पड़ा !उसके पास अति ऊत्साह तो था लेकिन यह द्वीप कहाँ ,कीस दिशा में हे मालुम न था !वह अपने कुछ सहायको के साथ नाव चलाते चलाते अमेरिका द्वीप की धरती को ही उसने इंडिया माना !उस नाविक का नाम था कोलंबस !उसी के कारण ही एशिअई देशो को इस देश के बारे जानकारी मिली थी ! कोलम्बस कुछ अरसा रहा और इंडिया ही समझता रहा !स्पेन वापिस पहुचने पर अपने देश वासियो इस द्वीप की नेसर्गिक सम्पन्नता की बाते बताई तो वहा से कई लोग व्यापार करने आए और यहाँ ही बस गए !फ़िर डच आए ,नए द्वीप में फ्रांस तथा ब्रिटेन सभी कई व्यापारी आए वे जिस खेत्र में रहे उस पर उनका अधिपत्य होता गया !इन सभी ने यहाँ से कमाई की राज भी किया किंतु यहाँ के लोगो नई तकनीक नई समझ और श्रम शीलता के साथ विचारो की विशालता भी दे गए !स्पेन के लोग जहा पहले पहुंचे थे उन्होंने उसका नामकरण इंडिया ना कर दिया !अमेरिका के इन देशो से आए नागरिक शासन करते रहे !१७७३ में यहाँ के मूल निवासियो में आत्म विश्वास जागा !तभी मूल निवासियो ने मिल कर एक बडा सगठन स्वयम को मजबूत करते रहे १७७६ में बाहरी शासको की अवज्ञा कर एक नए मजबूत लोकतंत्र की स्थापना कर डाली !इसप्रकार ४जुलाइ १७७६ को नई पार्लियामेंट का गठन कर जन तंत्र की शुरुआत कर दी !सत्य ईमान और मेहनती शासन आज तक ऊचाइयां छू रहा हे !उसी वर्ष ही एक उच्च स्तरीय स्कूल की स्थापना की गई जिसमे शासन की जिम्मेदारी वाले सभी मंत्रियो को ट्रेनिंग दी जाने लगी !तब से सभी खेत्रों में उतरोत्तर विकास होता चला आ रहा हे !
यहाँ अनपद का कोई काम नही ,साक्षरता का प्रति शत सब से आधिक हे रोड ,आटोमोटिव ,रेल और वायु आधारित टेक्नोलाजी अपने चरम पर हे !यहाँ जीवन की कद्र हे !हर शक्स अपने कर्तव्य को प्रथमिकता देता हे !वह रचनात्मक काम करता हे ,शिकायते तथा भूतकाल की बातो पर रोने में अपना समय बर्बाद नही करता !आर्ट आफ लिविंग संस्था का ध्येय वाक्य सदा वर्तमान में रहो इन्हे याद हे यह लोग महान विचारक सर श्री तेजपारखी जी को भले नही जानते ,पर वर्तमान में जो हो रहा हे उसे स्वीकार कर ,अपना कर्तव्य करते रहते हें !अगर कुछ अरुचिकर हे तो ठंडे होकर विवेक से सोच विचार कर निर्णय लेते हे !जबकि हमारे देश में कुछ विघ्न संतोषी ,स्वार्थी ,कसबे के मेंढक नेता ,निरीह ,निरक्षर और साक्षर जनता को भी भावनाओं का देशी सोमरस पिला कर ! बेय्दो और बंदरो की तरह हांक लेते हे !धरने ,बंद और प्रदर्शनों से उनको लड्डू भले मिलें लेकिन देश हानि एवं सरकार का सिरदर्द और बद जाता हे !
आदमी बंदर की ओलाद हे ,किसी वैज्ञानिक ने कहने से पहले जरुर सोचा होगा !साड़ी बातें अच्छी ,सिक्के का दूसरा पहलू भी होना चाहिए !यह सोचना हमारी आदत में शुमार हे !जबकि मेरे देश में मर्यादा पुरुषोतम राम ,भगवन श्री कृष्ण , गोतम बुध ,जैन के २४ तीर्थंकर ,मुनि ,यती ,योगी ,शंकराचार्य ,आचार्य ,और महात्मा गाँधी तक हमारी गोरव मई धरती पर अवतरित हुए !किंतु हम ईमानदारी से अंतर में देखे ,हम उनका कितना अनुकरण करते हे ?जब की सोहनी -महिवाल ,लेला -मजनू ,ठग नटवरलाल ,हमारे ही देश में अधिक दीखते हे !एक गाना आपने भी सुना होगा में रोड पर डांस ,शमशान में गाना गान्यू मेरी मर्जी !पञ्जाबी फ़िल्म का एक और भोंडा गाना हे -तेनु दल्हा किसने बनाया भूतनी के ,तेनू घोडी किसने चढाया भूतनी के !यह देख कर सोचता हूँ क्या यही हमारा कल्चर हे !फ़िर अपेक्षाकृत अमेरिका किउ हमसे अच्छा बन गया ,जब की यहाँ की आबादी बहुत कम हमरे देश में काम करने वालो की संख्या कम नही!लेकिन उन्हें सही मार्ग द्र्श्षक नही मिलता गाव के या शहर के नेता अधिकतर अपने स्वार्थ में लिप्त हे !गाव के किसान को अच्छी पैदा वर मिले उनके समय का भर पूर उपयोग हो हर मजदूर को कम ,हर नागरिक को रोजगार जो हर एक की पहली आवश्कता हे !चीन की आबादी हमसे ज्यादा हेकिन्तु हरेक के पास कम हे !पैसा भले कम मिले लेकिन काम मिलना चाहिए जिससे घर की गुजरान हो सके !ऐसा नही हे इसलिए भुखमरी ,बेरोजगारी और लाचारी भी हे !तब तुंरत समझ में आ जाता हे ,यहाँ का शासन सुद्रढ़ हे व्यक्ति शोषण और बेईमानी नगण्य हे नेताओं में पद प्रतिष्ठा का लालच भले हो किंतु पेसे के लालच में नेता नही बनते !दो सो वर्ष से अनुशीलन में रहते ,नागरिक नियमो का पालन करना आदत बन गई हे !!शहर में कोई आवारा जानवर नही !में आप को रोड सिविक्स का नजारा बताऊ !जब हम उप मार्ग पर जा रहे थे ,हमने दुसरे डाउन मार्ग पर ,पुलिस करें न पर एक कर देखि ,जिसका बोनट जल चुका था !यह घटना मात्र दस मिनिट पहले घटी होगी !शायद पोलिस ने वह कार रोड से अभी अभी ऊठा कर साइड पर कर दी थी !उतनी ही देर में दो मील तक कारो का जाम लगा था!आश्चर्य की स्थिति यह थी की एक भी आदमी रोड पर नही था सभी अपनी गाडियो में,और सभी अपनी ही लेन में धीरे धीरे चला रहे थे !वह भी बिना किसी पे .पे और छेच च के !बडी शालीनता के साथ !यहाँ नागरिको का कहना हे ,पोलिस इमानदार -सेवारत और बड़ी सतर्क भी हे !घटना की सूचना मिलते ही ,आधिकतम दस मिनिट में ही घटना स्थल पर पहुच जाती हे !फस्ट एड वाली वें न ,ट्रेफिक करें न और जरूरत पड़ने पर एम्बुलेंस भी पहुच जाती हे !यहाँ के हर कारचालक के पास मोबाइल फोन रहता ही हे इसलिए पुलिस का सहयोग तुरंत मिलता हे !इसके अतिरिक्त सड़क पर कही भी आपकी गाड़ी खराब हो ,तो यहाँ एक नेशनल संस्था हे त्रिप्प्ल ऐ [ ऐ ऐ ऐ ]यानि अमेरिका आटोमोटिव एसोसिएष्ण !इसके सभी नगरो में एजेंट और पिक उप वाहन हें जब भी फोन करे तुरंत सेवा में हाजिर !गाड़ी में काम अधिक हे तो आप को निकट बीएस स्टाप ,स्टेशन तक छोड़ ,कुछ ही दिन में आप की गाड़ी आप के हर पंहुचा दी जाती हे साथ में नियमानुसार बिल भी भेज दिया जाता हे यहाँ जंगल बहुत ही और तीस से चालीस फुट लम्बे सीधे पेडो को बिजली के खम्बे बन्नने के काम में लेते हे !दो तीन स्टेट में तो सभी जगह लकडी वाले खंभे ही थे !
Thursday, September 4, 2008
योगेश और शमिता के साथ-नोका+विहार
योगेश चार साल की पदाई इस अनुशासन के साथ पूरी की जेसे राजधानी एक्सप्रेस चलती हे वहीपर केट की परीक्षा दी !परिणाम आते ही स्नातकोतर स्टडी के लिए आई आई आई टी मुंबई में प्रवेश मिल गया !वहा पड़ते पड़ते ही कालेज प्रबन्धन ने यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के अंतर्गत घुमने तथा नया कल्चरदेखने समझने दूर के देश स्पेन भेज दिया एम् इई की डिग्री मिली विदेश भी देख लिया और आई बी एम् में नोकरी भी लग गई !अब हमारा एक ही महत्व पूर्ण कर्तव्य बाकी था योगेश के लिए योग्य कन्या देख कर १२ जून को शमिता से विवाह करा कर हम निश्चिंत हो गये थे नाव में सुरक्षा- चक्र के रूप में मेरे आगे योगी और पीछे बेठी शमिता पर भी तो मुझे पूरा भरोसा हो गया था जब उसने मुझे द्रद्ता पूर्वक विश्वास दिलाया !हम दोनों आपके आगे और पीछे भी हें पापा जी ,आप निर्भय होकर बोटिंग को एंजाय करें !उसके शब्दों में आत्मीयता और चापू चलाने में मजबूत विश्वास था !फ़िर दोनों यंत्री , दोनों एम्,बी ,ऐ , भी हें दोनों व्यक्तित्व से ऐसे हें ,यदि वाद की सिथति आए तो सामने वाले पक्ष को तर्क पूर्ण शब्दों से चित कर दे !दोनों में नम्रता एवं मिलनसारिता का गुन भी हे !पिछले कई दिन से घर में दोस्तों का आना जाना लगा ही रहता था !हम तीन तीन होकर दो नावो में सवार ,कर रहे थे नोका विहार !जब किनारों के निकट आते तो पेडो के पत्ते भी खिल खिला कर हंसते !मानो हमारे साथ आँख मिचोनी और अठखेलिया कर रहे हों !दोनों नावे सुदूर पानी में अलग अलग विहार कर रही थी !एक बार फ़िर दोनों नाव अधबीच में आपस में मिली दोनों के कैमरों ने आखे खोली और दोनों नावो के समिलित मनमोहक फोटो अपनी अपनी फिल्मो में कैद कर लिए !इस तरफ से मेने उस तरफ से पत्नी ने नावो से हाथ निकले ,मानो दोनों एक दुसरे के पास आजाना चाहते हो हाथो में हाथ आते ही अपनी प्रफुल्लता का अहसास दिलाया !साथ ही एक दीर्घ निश्वास छोड़ते हुए धीरे से मुझे कहा ,यहाँ रिया महेश भी होते तो सोने में सुहागा होता
धर्म पत्नी के इतना कहने के बाद हमारी दोनों नावे फ़िर अलग अलग लहरों पर taerte दूर होती गई और में अतीत में खोता जा रहा था !यादे स्मृति पटल पर तेज रंगीन होती जा रही थी रानी के बडे भाई हरभगवान जी महेश के लिए रिश्ता लाए थे !उनके दोस्त मोहन कुमार ने उनको दो तीन दफे भोपाल चलने का कहा था आज उनके आने पर लंच सब ने मिल कर किया !आफिस को सलाम भेज दिया था शाम को हल्की बरखा की रिम झिम में अपनी गाड़ी से बोट कल्ब घुमने निकल pade क़ल्ब में भुने भुट्टे जो खाए थे !उनका स्वाद आज भी याद आता हे !फ़िर रात के भोज के समय घर परिवार की बाते होती रही थी !अगली प्रात; मन्दिर से लोटने के उपरांत श्री मोहन कुमार जी ने रिश्ते के प्रस्ताव के साथ lgn पत्रिका और फोटो भी थमा दी थी हम विचार करेगे !इस से आश्वस्त होकर वे उज्जेन के महाकाल के दर्शनों को चले गए थे रात को हमारे पूरे परिवार की प्रेजिडेंट aadarniy माता जी और ११सदस्य अपनी संसद में बेठे विचार विमर्श कर रहे थे उनसे जो जानकारिया प्राप्त हुई थी ,से हमारी माता जी संतुष्ट थी !किंतु माता जी को अपनी होने वाली पौत्र वधु के रंग रूप की जानकारी लेना आवश्यक लग रहा था !शब्दों में व्यक्त की गई हरभगवान जी की पुष्टि केबाद माता जी ने फोटो देखना चाह !बेटी अंजलि ने होने वाली भाभी का फोटो ऐसे प्रस्तुत किया जेसे शहंशाह के सामने चांदी की तश्तरी में मीठे बनारसी पान को सजा कर लाया जाता हे माता जी ने जब वो फोटो देखा, वेह निहाल हो गई जेसे उसकी अन्तिम इच्छा पूरी हो गई थी !फोटो में सुंदर - लाजवंती का सा मुखडा माता जी के दिल को लुभा गया और रिश्ते के लिए अपनी स्वीकृति दे दी थी अपना महेश भी तो ऊचा गठीला ,प्रतिभा संपन्न एम् बी ऐ पास आज भी उसकी सहपाठी नव योवानाए जब कभी महेश से मिलने आती हें तो ,उससे हाथ मिलाए बिना वापस नही जाती महेश जिस भी दफ्तर दुकान में जाता हे अपने प्रस्सन चित विनोदी स्वभाव से सामने वाले को गुड गुदा कर अपनी मधुर स्मृतिया उनके याद रखने के लिए छोड़ आता हे
सच ही रानी ने कहा था रिया महेश भी एक बार भाई का सुंदर संसार देख जाते तो उन्हें भी तसल्ली हो जाती !और इस चिंता से विमुक्त हो जाते की उनका छोटा योगी बेगाने देश में निपट अकेला तपस्या तो नही कर रहा !वे भी तो अपने छोटे और छोटी भाभी को हमेशा -सुखी ,स्वस्थ और समरथ देखना चाहते हे !महेश माँ से कई बार अपनी मायूसी प्रकट कर चुका हे की छोटे को इसलिए इंजीनियर नही बनाया था की वह जंगल के हिरनों की तरह विदेशो की ख़ाक छानता फेरे और घर की स्नेह भरी ममता मई बगिया की छाव का आनंद भी न ले पाय !कभी विरही माँ के आसू देख कहता -माँ तू रोया मत कर यह उसका भाग्य हे की भोपाल में उसके लायक नोकरी ही नही हे ,इसलिए परिवार से दूर रहना उसकी विवशता हे !यही ममता माता पिता भाई बहन सभी को कभी न कभी परेशान कर ही देती हे !
नाव के चप्पू चलते चलाते हाथ सेब जेसे लाल पड़ गए ,पूरे सवा घंटे पानी की लहरे हमे माँ के पलने की तरह झुलाती रही थी !शीतल मंद समीर हमे सहला जाती ,रोम रोम महक रहा था !अब सांझ होने को थी चप्पू चलाने वाले चारो खाने चित्त हो चुके थे !नावे किनारों पर लगी अस्ताचल सूर्य रात के आगोश में जाने को बेताब था !हम भी तेज कदमो से अपने पडाव की ओर बड़े जा रहे थे हवाओं में ठंडक बदती जा रही थी !तम्बू में पहुच सभी ने गर्म स्वेटर और शाल निकाले फ़िर आग जलाई और सब को अग्नि की tapjsh hme गर्माहट दे रही थी !ठंडे व्यजनों को गर्म कर पेट की उछल कूद को शांत किया !रात के सादे बारह बज चुके थे !दूर से झीगुरो की आवाज़ स्पष्ट सुनाई दे रही थी !आसमान में तारो का संसार उत्तर में ध्रुव तारा विशेष अतिथि के जेसा लग रहा था !हम धवल -संत रिया रंग के पेराशूट कपडे के झोपडे नुमा टेंट [तम्बू ]को धन्यवाद दे रहे थे !जिसने बीती रात शरद की रजाई जेसा स्नेह देकर अपने आंचल में छिपा लिया था व्ही आश्वस्त आज फ़िर हमारे थके शरीरो को विश्राम देने को आतुर हे !निद्रा का प्यार भरा अहसास सभी को टेंट के भीतर खींच लाया !कब आँख लगी किसी को याद नही !
सुबह सविता देवता की झलक मिलते ही में तेयार हो सेर करने वन की पगडण्डी पर दूर निकल गया !सूर्य की लाल पीली किरने पत्तो के झुरमुट को चीर कर मुझे छू रही थी !सभी को एक समान प्रकाश बाँटने वाले सूर्य देव ,ज्ञान के कारक evm urjaa देने वाले ,वे ही समुद्र के जल को वश्पी कृत कर बादलो का निर्माण करते हे !में यह स्मरण कर ही रहा था, की काले सफेद बादलो के झंड एक साथ आ गये और कद कद करते मेरे कपडे गीले कर दिए अब में इतनी तेज भगा जेसे मेरे पीछे जंगली कुत्ते और भेदिये भाग रहे हों जेसे तेसे टेंट में शरण ली थी मेने !बरखा की बुँदे टेंट पर गिरती तो नगाडे सी आवाज़ होती ,सभी जाग चुके थे और वृष्टि विराम का इंतजार करते रहे किंतु मोसम ने हमारी एक न सुनी !अब हमने अपना बोरी बिस्तर बाँध लिया अंत में दो व्यक्तियो ने हाफ पेंट पहने टेंट को उतार गाड़ी में लाड दिया और बरखा रानी के गीत गेट घर पहुच गये !
समुद्री तूफान और आपदा मुक्ति संस्थान --
Wednesday, September 3, 2008
न्यू जर्सी और डाक्टर अंशु अग्रवाल का घर -
Monday, September 1, 2008
अमेरिका में कृष्ण जन्मौत्सव---
यू .एस .पोस्ट .पद्धति ,छुटियाँ और तापमान --
ऋतू -मार्च से मई बसंत [स्प्रिंग ]जून से अगस्त में गर्मी [समर ]रहती हे सितम्बर अक्तूबर पतझर [फाल] का मोसम नवम्बर से फरवरी ठंड एवं बर्फबारी [विंटर ]का मोसम होता हे !पतझड़ के समय पेड़ पोधो के रंग ऐसे बदलते हें ! पत्ते हरे से पीला ,पीले से गुलाबी ,गुलाबी से लाल ,फ़िर लाल से ब्राउन होकर सूखते हें फ़िर गिर जाते हें !यहाँ जून -जुलाई में दिन चोदःह घंटे के रात्रि दस घंटे की होती हे !