यू -एस की पहचान हमे अपनी आजादी के बाद ही मिली हे !स्पेन देश का एक उत्साही नाविक था !उसने कभी हिंदू -सभ्यता कीई तारीफ़ sunii होगी ,उसी जिज्ञासा को लेकर वहहिंदुस्तान की खोज करने निकल पड़ा !उसके पास अति ऊत्साह तो था लेकिन यह द्वीप कहाँ ,कीस दिशा में हे मालुम न था !वह अपने कुछ सहायको के साथ नाव चलाते चलाते अमेरिका द्वीप की धरती को ही उसने इंडिया माना !उस नाविक का नाम था कोलंबस !उसी के कारण ही एशिअई देशो को इस देश के बारे जानकारी मिली थी ! कोलम्बस कुछ अरसा रहा और इंडिया ही समझता रहा !स्पेन वापिस पहुचने पर अपने देश वासियो इस द्वीप की नेसर्गिक सम्पन्नता की बाते बताई तो वहा से कई लोग व्यापार करने आए और यहाँ ही बस गए !फ़िर डच आए ,नए द्वीप में फ्रांस तथा ब्रिटेन सभी कई व्यापारी आए वे जिस खेत्र में रहे उस पर उनका अधिपत्य होता गया !इन सभी ने यहाँ से कमाई की राज भी किया किंतु यहाँ के लोगो नई तकनीक नई समझ और श्रम शीलता के साथ विचारो की विशालता भी दे गए !स्पेन के लोग जहा पहले पहुंचे थे उन्होंने उसका नामकरण इंडिया ना कर दिया !अमेरिका के इन देशो से आए नागरिक शासन करते रहे !१७७३ में यहाँ के मूल निवासियो में आत्म विश्वास जागा !तभी मूल निवासियो ने मिल कर एक बडा सगठन स्वयम को मजबूत करते रहे १७७६ में बाहरी शासको की अवज्ञा कर एक नए मजबूत लोकतंत्र की स्थापना कर डाली !इसप्रकार ४जुलाइ १७७६ को नई पार्लियामेंट का गठन कर जन तंत्र की शुरुआत कर दी !सत्य ईमान और मेहनती शासन आज तक ऊचाइयां छू रहा हे !उसी वर्ष ही एक उच्च स्तरीय स्कूल की स्थापना की गई जिसमे शासन की जिम्मेदारी वाले सभी मंत्रियो को ट्रेनिंग दी जाने लगी !तब से सभी खेत्रों में उतरोत्तर विकास होता चला आ रहा हे !
यहाँ अनपद का कोई काम नही ,साक्षरता का प्रति शत सब से आधिक हे रोड ,आटोमोटिव ,रेल और वायु आधारित टेक्नोलाजी अपने चरम पर हे !यहाँ जीवन की कद्र हे !हर शक्स अपने कर्तव्य को प्रथमिकता देता हे !वह रचनात्मक काम करता हे ,शिकायते तथा भूतकाल की बातो पर रोने में अपना समय बर्बाद नही करता !आर्ट आफ लिविंग संस्था का ध्येय वाक्य सदा वर्तमान में रहो इन्हे याद हे यह लोग महान विचारक सर श्री तेजपारखी जी को भले नही जानते ,पर वर्तमान में जो हो रहा हे उसे स्वीकार कर ,अपना कर्तव्य करते रहते हें !अगर कुछ अरुचिकर हे तो ठंडे होकर विवेक से सोच विचार कर निर्णय लेते हे !जबकि हमारे देश में कुछ विघ्न संतोषी ,स्वार्थी ,कसबे के मेंढक नेता ,निरीह ,निरक्षर और साक्षर जनता को भी भावनाओं का देशी सोमरस पिला कर ! बेय्दो और बंदरो की तरह हांक लेते हे !धरने ,बंद और प्रदर्शनों से उनको लड्डू भले मिलें लेकिन देश हानि एवं सरकार का सिरदर्द और बद जाता हे !
आदमी बंदर की ओलाद हे ,किसी वैज्ञानिक ने कहने से पहले जरुर सोचा होगा !साड़ी बातें अच्छी ,सिक्के का दूसरा पहलू भी होना चाहिए !यह सोचना हमारी आदत में शुमार हे !जबकि मेरे देश में मर्यादा पुरुषोतम राम ,भगवन श्री कृष्ण , गोतम बुध ,जैन के २४ तीर्थंकर ,मुनि ,यती ,योगी ,शंकराचार्य ,आचार्य ,और महात्मा गाँधी तक हमारी गोरव मई धरती पर अवतरित हुए !किंतु हम ईमानदारी से अंतर में देखे ,हम उनका कितना अनुकरण करते हे ?जब की सोहनी -महिवाल ,लेला -मजनू ,ठग नटवरलाल ,हमारे ही देश में अधिक दीखते हे !एक गाना आपने भी सुना होगा में रोड पर डांस ,शमशान में गाना गान्यू मेरी मर्जी !पञ्जाबी फ़िल्म का एक और भोंडा गाना हे -तेनु दल्हा किसने बनाया भूतनी के ,तेनू घोडी किसने चढाया भूतनी के !यह देख कर सोचता हूँ क्या यही हमारा कल्चर हे !फ़िर अपेक्षाकृत अमेरिका किउ हमसे अच्छा बन गया ,जब की यहाँ की आबादी बहुत कम हमरे देश में काम करने वालो की संख्या कम नही!लेकिन उन्हें सही मार्ग द्र्श्षक नही मिलता गाव के या शहर के नेता अधिकतर अपने स्वार्थ में लिप्त हे !गाव के किसान को अच्छी पैदा वर मिले उनके समय का भर पूर उपयोग हो हर मजदूर को कम ,हर नागरिक को रोजगार जो हर एक की पहली आवश्कता हे !चीन की आबादी हमसे ज्यादा हेकिन्तु हरेक के पास कम हे !पैसा भले कम मिले लेकिन काम मिलना चाहिए जिससे घर की गुजरान हो सके !ऐसा नही हे इसलिए भुखमरी ,बेरोजगारी और लाचारी भी हे !तब तुंरत समझ में आ जाता हे ,यहाँ का शासन सुद्रढ़ हे व्यक्ति शोषण और बेईमानी नगण्य हे नेताओं में पद प्रतिष्ठा का लालच भले हो किंतु पेसे के लालच में नेता नही बनते !दो सो वर्ष से अनुशीलन में रहते ,नागरिक नियमो का पालन करना आदत बन गई हे !!शहर में कोई आवारा जानवर नही !में आप को रोड सिविक्स का नजारा बताऊ !जब हम उप मार्ग पर जा रहे थे ,हमने दुसरे डाउन मार्ग पर ,पुलिस करें न पर एक कर देखि ,जिसका बोनट जल चुका था !यह घटना मात्र दस मिनिट पहले घटी होगी !शायद पोलिस ने वह कार रोड से अभी अभी ऊठा कर साइड पर कर दी थी !उतनी ही देर में दो मील तक कारो का जाम लगा था!आश्चर्य की स्थिति यह थी की एक भी आदमी रोड पर नही था सभी अपनी गाडियो में,और सभी अपनी ही लेन में धीरे धीरे चला रहे थे !वह भी बिना किसी पे .पे और छेच च के !बडी शालीनता के साथ !यहाँ नागरिको का कहना हे ,पोलिस इमानदार -सेवारत और बड़ी सतर्क भी हे !घटना की सूचना मिलते ही ,आधिकतम दस मिनिट में ही घटना स्थल पर पहुच जाती हे !फस्ट एड वाली वें न ,ट्रेफिक करें न और जरूरत पड़ने पर एम्बुलेंस भी पहुच जाती हे !यहाँ के हर कारचालक के पास मोबाइल फोन रहता ही हे इसलिए पुलिस का सहयोग तुरंत मिलता हे !इसके अतिरिक्त सड़क पर कही भी आपकी गाड़ी खराब हो ,तो यहाँ एक नेशनल संस्था हे त्रिप्प्ल ऐ [ ऐ ऐ ऐ ]यानि अमेरिका आटोमोटिव एसोसिएष्ण !इसके सभी नगरो में एजेंट और पिक उप वाहन हें जब भी फोन करे तुरंत सेवा में हाजिर !गाड़ी में काम अधिक हे तो आप को निकट बीएस स्टाप ,स्टेशन तक छोड़ ,कुछ ही दिन में आप की गाड़ी आप के हर पंहुचा दी जाती हे साथ में नियमानुसार बिल भी भेज दिया जाता हे यहाँ जंगल बहुत ही और तीस से चालीस फुट लम्बे सीधे पेडो को बिजली के खम्बे बन्नने के काम में लेते हे !दो तीन स्टेट में तो सभी जगह लकडी वाले खंभे ही थे !
No comments:
Post a Comment