आज का सूरज अपनी किरणों से संसार को नईऊर्जा दे रहा था !अमेरिका के २३२ वर्षो के इतिहास में पहली बार कोई अश्वेत नेता बराक ओबामा के रूप में राष्ट्रपति चुना गया !आज मार्टिन लूथर किंग और महात्मा गाँधी की आत्माए प्रसन्न थी किओकी वे सदा जाती-धर्म रंग भेद से ऊपर उठ कर सद्गुणों और आदर्शो पर चलने की ही वकालत करते थे !वे कहते थे इस तरह की धरती पर ही साचा लोक तंत्र खड़ा रह सकता हे !
शिकागो जहा कभी स्वामी विवेकानंद जी का उदबोधनहुआ था आज ४७ वर्षीय बराक ओबामा ने राष्ट्रपति चुने जाने पर पहला भाषण दिया !उनके हिरदय से प्रस्फुटित हो रहे उदगार , राजनीती के छात्रो एवं श्रोताओं को कुछ नया एवं ठोस करने को प्रेरित कर रहे थे
उन्होंने अपने ओजस्वी भाषण मै कहा जिस तरह आपने जाती नस्ल ऊच नीच का भेद भुला कर मुझे जिताया हे अब उसी भावना के साथ अमेरिका को भी ऊचा ले जाना हे अपने नारे को दोहराते हुए कहा ;अमेरिका मै सब कुछ संभव हे आगे कहा मुझे ऊमीद आस पास के पथ्थरो और मारबलो से नही बल्कि उनके बीच की खाली जगह भरने वालो से हे
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