भारत में दिन के समय अमेरिका खंड पाताल कहलाता हे / जब भारतवासी रात्रि शयन कर रहे होते हे तबउस स्वर्ग देश की परियां अपने देनिक कर्त्वय कर रही होती हे /
जहा सत्य '"स्वच्छता :इमानदारी अनुशासन देशभक्ति प्रेम और सबका आदर हो वो स्वर्ग से कमतर नही हो सकता
;स्वर्ग-नर्क की आलंकारिक मान्यताए पोरानिक काल की काल्पनिक ग्ल्प्कथाए भर हें वस्तुत स्वर्ग आत्म संतोष को कहते हे स्थाई आनन्द भावनाओं का ही होता हे यदि व्यक्ति का द्रष्टिकोण परिष्कृत और क्रिया कलाप आदर्शवादी मान्यताओं के अनुरूओ हो तो वह वस्तुत स्वर्ग मै ही जी रहा हे नर्क भी कोई लोक नही हे कुसंस्कारी ,दुर्गुनी मनुष्य अपने ओछे चिंतन की आग मै स्वं ही हर घड़ी जलते रहते हे चिंता भय क्रोध इर्षा द्वेष ,शोषण ,प्रतिशोध की परवर्ती हर घड़ी विख्युब्ध बनाए रहती हे ये नर्क की अनुभुतिया हे
----परम पूज्य गुरदेव आचार्य श्रीराम शर्मा जी ---
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