Sunday, August 31, 2008
कार एक जरूरत -एक अधिकार ----
Thursday, August 28, 2008
जंगल की राते [केम्प फायर] मनोरंजन की बातें
'आपने जो पत्ता पहले नीचे डाला था उसी को डालो भाभी -शमिता बोली, ताश खेलते रुपाली ने गलती से पान का इक्का नीचे पटक दिया था !इसलिए शमिता अच्छे खिलाड़ी की तरह अपना हक मांग रही थी !सुलझे हुए खिलाड़ी तो जरा सी गलती को भी चक्र व्ह्यु की दीवार भेदना मानते हें !नरेंद्र और योगी भी खेल में शामिल थे !लेकिन उनके लिए ताश खेलना टाइम पास का बहाना था !किंतु शमिता अमेरिका के नियमों को पालना जेसे आवश्यक मानती हे ,उसी प्रकार कहती हे !हर गेम के भी कुछ नियम होते हें ,तो उनका पालन होना ही चाहिए !वेसे खेल तो खेल भावना से ही खेलना चाहिए !हम सभी बर्लिन स्टेट पार्क में छुटियाँ बिताने आए थे ! बूंदी के पेड़ के नीचे चादर बिछा कर ठंडी छाँव में बातें भी कर रहे थे साथ में पिनिक के लिए बनाए व्यंजन हजम करते जा रहे थे गेम भी खेल रहे थे !
शुक्रवार को ही योगेश और उसके दोस्त नरेंद्र ने जो आई बी एम् .की नोकरी में भी उसके साथ कम कर चुका था ! गत तीन वर्षो से दोनों बिछड़ गए थे फ़िर नोकरी में कम की अधिकता ऐसी रही ,की एक दुसरे की खबर लेने की फुर्सत नही मिली थी !नारायण कृपा देखो हिदुस्तान में बिछडे फ़िर विदेश में दशहरे के दिन मस्स्चुट्स स्टेट में श्री लक्ष्मी टेम्पल में दोनों की मुलाकात हो गई !दोनों खुशी से गद गद हो गए !इस बीच दोनों के विवाह भी हो चुके थे ! यहाँ दोनों के दफ्तर अलग अलग हें परन्तु संजोग हे की दोनों एक ही कम्पनी के लिए कार्य कर रहे हें !दोनों ने छुटियाँ किसी जंगल में एडवेंचर केसाथ बिताने का प्रोग्राम बना लिया !चार बजे ही आफिस का पूरा काम निपटाया !फ़िर दो घंटे में पिकनिक के लिए तम्बू गद्दे फोल्डिंग चेयर केम्प फायर के लिए लकडियाँ खरीद लाये !दूध ब्रेड ,काफी मेगी ,मख्खन ,जेम ,बिस्कुट ,केक आदि सामान इकठा कर अपनी यारिस गाड़ी में सलीके से जमा दिया और हमने भी दो ,दो ,,जोड़ कपडे ,टावेल ब्रश और शेविंग कित रख ली !अब हम चारों घर से नरेंद्र के अपार्टमेन्ट में पहुचे जहाँ ३०० भारतीय परिवार रहते हे !वहां नरेंद्र और रुपाली हमारा इंतजार कर रहे थे ! अब वहां से दोनों दोस्तों की कारें८५ मील दूर के जंगल की और दोररहीं थी !अँधेरा होते होते एक जंगल के रेंजर आफिस में पहुच गये !नाम पता लिखने के बाद हमे सपाट न;६८० एलाट किया गया !एक मील अंदर निर्जन -वन में पेड़ पोधों के सिवा कुछ न था !वन विभाग ने सेलानियो के रोड और पार्किंग बना दी थी और स्पॉट न; को 'सड़क किनारे पड़े चटान जेसे पर अंकित कर दिया था !दिन ढल गया था रात ने हमारे साथ जंगल पर भी अपनी काली छाया दाल दी थी !क्रष्ण पक्ष भयावह अंधकार ! ऐसे में किसान टॉर्च ने हमे अमे अपना सामान तक दुन्दने में मदद की !किंतु अब डर और रोमांच की स्तिथि बन गयी !सुनसान जंगल , भूख ,अँधेरा किया करें ? आग जलाई !जिस तरह शिकारी देर रात आग जला कर अपनी सुरक्षा की दीवार को पका करता हे ,और पेट की खुदा [भूख] मिटाने के लिए मिले शिकार को भुनता हे !ठीक वेसे ही हम आलू प्याज भुन भून कर खा रहे थे !अन्ताक्षरी खेले खेलते रात बारह बजे के बाद ही सोने जाते और हनुमान चालीसा पड़ कर ही सोते !पर किसी को बताना मत ,नख से शिखा तक अपने आप को रजाई में छिपा कर ही सोते थे ! --------सुबह कोवे और चिडियो के च्य्चाहने पर ही मेरी नींद खुल जाती थी इसलिए में अकेला ही सेर करने निकल जाता था सुबह का वातावरण बडा मनमोहक होता था ! दो तीन मील दूर जाकर ही वापस लोटता ,इस बहने व्यायाम भी हो जाता था !थोडी दुरी पर तालाब था उसी पर नहाते !फ़िर नसते में केक ,बर्गर और ब्रेड के साथ चाय की चुस्कियां मजे से लेते !दोपहर लंच में घर के पराठे खाते जो योगेश की माता श्री ने शुक्रवार को ही , आते को दूध में सांन कर बनाए थे !जिन्हें ३-४ दिन बाद भी खाया जा सकता हे ! शाम को तालाब में बोटिंग करने जाते! यह बहुत बडा था ! उसमे चप्पू चला चला कर नाव खेने में अलग ही मजा था !किनारे से डेड किलो मीटर दूर अथाह जल राशिः उसमे नाव खेना हमारा पहला अनुभव था !डर तो लग रहा था किंतु हम दो को छोड़ चारों तेराक थे !नरेंद्र रुपाली ने रानी को अपनी नाव में बिठाया में योगी और शमिता की नाव में !हम अलग अलग भले थे ,पर हमारे आगे पीछे स्वीमिंग चेम्पियन थे ! इसलिए खतरे की आशंका कहीं से न थी ! सतर्कता के लिए लाइफ जेकेट तो हमने भी पहन रखी थीं !
Wednesday, August 27, 2008
मूर्ति कला --में कुछ नया कुछ ख़ास ?
शनि के बारे आम धारणा हे की यह दुःख का देवता हे ?आज शनि वार मेरे लिए तो शुभ ही होगा !मेरी कुम्भ राशि का स्वामी शनि हे ! स्वामी अध्यात्म और त्याग का प्रवर्तक हे !उस गुरु क्रपा से काँटों भरे संसार में रह कर भी men खुsh hun !योगेश ने प्रोग्राम तयकिया आज सभी मूर्ति कला देखने समुन्द्र किनारे [रिवेरा - बीच ]चलेगे !यह बताने में बेटे का उत्साह देख मुझे लगा वहां कुछ विशेष कला होगी !हमारी जिज्ञासा देख बेटे ने कहा पापा ,आज का वार्षिक पर्व ,अमेरिका के समुद्र किनारे घुमने वाले कलाकारों और सेलानियो का पर्व हे !आज यू । एस .ऐ । के सभी स्टेट के वे कलाकार जो रेत के पहाड़ बनाना जानते हें !इस बीच पर उनसब का मुकाबला होगा
इस प्रतियोगिता को न्यू इंग्लेंड आर्ट एसोसिशन संयोजित करती हे ! हर कलाकार को दस टन रेत एवं ४ घंटे का समय दिया जाता हे !इस अवधि में उसे अपनी पसंद की मूर्ति सीनरी ,स्टेचू वह जो चाहे बना सकता हे !निर्णायक मंडल उन कृतियों को देख अपना निर्णय देता हे !हमने जाकर देखा बड़ी भीड़ थी !आश्चर्य यह था की एक मील तक दो ल इन की कार पर्किंग फुल हमने और दूर जाकर गाड़ी पार्क की थी !ट्रेफिक पुलिस का इंतजाम भी पुख्ता था ! वहां कला कृतिया देख कर आश्चर्य चकित रह गये ! इस नई कला को पहली बार अपनी आँखों से मुर्तियो के आगे पीछे निहारने का अवसर मिला था ! इसी प्रकार अनूठी मोम की मूर्ति-कला भी देखि नई सोच नई खोज ! न्यू यार्क शहर में विश्व प्रसिद्ध मेय्द्दम -तुशात - म्यूजियम में भी मोम के बड़े बड़े मानव स्टेचू बने हे !कलाकारों की सोच कितनी रचनात्मक हे की ,इस म्यूजिम में आने वाला दर्शक पूरे संसार के महान प्रवरतक ,वैज्ञानिक ,संत ,राजनेता ,अभिनेता और महान कलाकारों की हु बहु शक्ल की मोम की मूर्तियाँ देखें !फ़िर सोचें की किस ने किस खेत्र में प्रगति करी ? क्या वह भी कुछ नया करके संसार का और देश का भला कर सकता हे ?निश्चित ही यह म्युजिंयम लोगों की सोच को विकसित करता हे ,या उनके कर्मो की खुशबु चंदन सी या फ़िर सरदार पटेल के लोह पुरूष जेसी हो ,वेसा बनने का प्रयास करें !सभी दर्शक बड़ी ही तन्मयता से मुर्तिया देख रहे थे !दो घंटे से मन कहाँ भरता हे किंतु शाम का भोजन मित्र के घर में था !इसलिए म्यूजियम की प्रशंसा करते करते विदा हुए लेकिन एक बार और देखने की इच्छा बाकि हे ! new yark से 90 मील दूर राष्ट्रपति रूसवेल्ट का निजी मकान है। फ्रैंकलिन डी रूसवेल्ट अमेरिका के ४ बार राष्ट्रपति रह चुके हैं। प्रशासन ने उनके घर को राष्ट्र-स्मारक और म्यूज़ियम की गरिमा प्रदान की है।
Tuesday, August 26, 2008
स्वच्छता -सफाई
यहाँ चिकित्सा शास्त्र एलोपैथी विधि पवित्रता और स्वच्छता पर आधारित होने के कारण सफल भी हे यहाँ हर खाद्य वस्तु की पेकिंग पर सत्य के साथ होती हे दवाई तथा अन्य खाने की वस्तुओ पर सच सच विश्लेष्ण लिखा होता हे यह में भारतीय आयुर्वेद के बारे कहना चाहुगा की हमारे हकीमों ने यहाँ के जलवायु को देखते हुए प्राकृतिक जडी बूटी को इस लिए भी पसंद किया कियोकी इन में थोडी अशुधि को पचा लेने की ख्य्मता भी होती हे
सेवा-समर्पण के साथ --अमीरी बहुत ,गरीबी न के बराबर इसलिए सेवा संस्थाए कम हे ! सेवा के लिए दो खेत्र बचते हे सीनियर सिटीजन और बच्चे !एक दोपहर को हम सपत्निक चाइल्ड केयर सेंटर पहुचे !केयर टेकर महिला से केन्द्र के बारे जानकारी ली !बातचीत से ज्ञात हुआ की वे लोग बच्चों का पुरा धिआन रखते हें तथा अपरिचितों से मिलने भी नही देते !हमने बताया की दो महीनो तक हम अपनी सेवाए देना चाहते हे ! केयर टेकर लेडी बोली आपका प्रवास समय इतना कम हे की जब तक बच्चे आपसे घुल मिल जाएगे टीबी आप उन्हें छोड़ जाएगे तो उनका दिल टूट जाएगा !जब आप १० ,१२ महा के लिए आयगे टीबी आप सेवा जरुर करना !अभी यहाँ की जनसंख्या बच्चो का प्रतिशत बहुत कम हे !इसलिए संस्था बच्चो के प्रति बहुत संवेदन शील हे !कुछ संस्थाए सीनियर सिटीजन की सेवा करती हे!लोग यदि सेवा करते हे तो पूरे समर्पण के साथ करते हें !
कुछ विशेष[लीक से हट के ]कार्य ---
अमेरिका की कारों में ड्राईवर सीट बाये तरफ होती हे इलेक्ट्रिक मशीनों[गेस ग्रिल -मैक्रो ओवन आदि के स्विच एंटी क्लाक आन होते हें !yaha ges chuhle मेअलग से लाईटर रखने की जरूरत नही, स्विच नाब पुरा घुमा देने पर ही गेस जलने लगता हे !सार्वजनिक पानी पीने की टोटियां नीचे से उपर की और धार फेकती हे ताकि पानी पीने के लिए हाथ का उपयोग न करना पड़े !खेती के बीजो को सुधर कर आलो पियाज एक पाव से ४००ग्राम तक का एक नग शिमला मिर्च भी बड़ी बड़ी लाल पिली और हरे रंग में सभी रेलें मेट्रो सिस्टम से चलती हे !एक स्टेशन का कार्य दो या तीन आदमी संभाल लेते हे हर पेट्रोल पम्प पर स्वचालित सिस्टम हे फोन की तरह नोट डालो पट्रोल भर लो !लोग इमानदार हे बेईमान व्यक्ति जल्दी पकर में आजाता हे !इनके पास पैसा होने से परचेजिंग पावर अच्छी हे इंडियन को शुरू के दिनों महंगाई लगती हे बाद में सब सामान्य लगने लगता हे !यहा के लोग सस्ती वस्तुओं में समय नही लगा कर वो चीन से बनवा लेते हे !कीमती और महत्व पूर्ण मशीनों पर दिमाग लगते हे !यहा के वेगिअनिक लीक हट कुछ नया करने की सोच रखते हें !
एयर -इंडिया विमान से बोस्टन तक
सुबह ८ बजे शमिता बेटी इन्टरनेट केफेमें गई !वहा से योगेश द्वारा भेजे गए पत्रों के प्रिंट निकल कर लाई ! जो सम्भवता एअर पोर्ट पर मांगे जा सकते थे !होटल में हम एअर लायन कम्पनी के मेहमान थे !उन्होंने होटल के रेस्तरां में बड़ी शान से हमे नास्ता कराया !जहा मेहमानों केलिए फ्रूट ,शेक , बेकरी ,साऊथ -इंडियन ,चाइना एवं जापान की कुल मिला कर ५५ या ६० डिश करीने से रखी गई थी ! अपनी इच्छा से हमने कई प्रकार की डिश लेकर नास्ता किया !तभी होटल में ही एरोफ्लोट कम्पनी का फोन आया मास्को जाने वाली उड़ान और लेट हो गई हे ,वह अब शाम ४ बजे जाएगी !सुख के बाद फ़िर दुःख ? शमिता ने बताया पापाजी इस उड़ान से जाने पर हमे मास्को पोर्ट पर ८ से ९ घंटे अगली उड़ान के इंतजार में बैठानापड़ेगा !उस अनजान देश की एअर पोर्ट पर समय काटना बहुत कठिन होगा ! में चाहती हूँ ममी पापा को बोरियत न हो ! इसलिए में प्रयास करती हूँ की कम्पनी किसी दूसरी एअर सर्विस से हमे अभी भिजवा दे तो अच्छा रहेगा ! शमिता की भावना और संकल्प -प्रयास काम कर गये और हमे एअर-इंडिया की सीधी न्यू यार्क तक अ-१०१ उड़ान में सीट मिल गई !हमने अपना सामान पोर्टर को सुपुर्द किया और छोटा हेंड बेग लेकर सुरक्षा जाँच चोकी पर आ गये !हमारे मोबायल स्विच आफ करा दिए गये !बेग में चेन ,पलास केंची ,चाकू एवं ब्लेड आदि वहीं कचरा बॉक्स में फिकवा दिए गए !आंतकवादी घटनाओ को देखते हुए सुरक्षा हेतु यह नियम बनाये गए हें !
जब हम विमान में थे---विमान में सवार होते ही परिचारिकाओं ने मीठी मुस्कराहट के साथ हमारा स्वागत अभिवादन किया !सीट बेल्ट बंधने के निर्देश के साथ ही जहाज धीरे धीरे चलने लगा ,दो तीन किलो मीटर चलने के बाद वह उड़ने लगा और हम हवा में तेर रहे थे ! देखते ही देखते हमारा विमान जमीं से १० किलो मीटर ऊपर बादलो पर उड़ने लगा इस प्रकार हम अपने लक्ष की और बड़ते जा रहे थे !यह चोद्देह घंटे की यात्रा थी !किंतु बड़े सम्मान के साथ हमे चाय काफी ,नास्ता,भोजन ,पानी सभी को स्वेच्छा से मिलता रहा ! हर सीट के सामने टी वि स्क्रीन लगी थी स्विच -माउस हमारे हाथ में था ! उस कम्पुटर में सभी की पसंद के गेम पिक्चर ,गाने या अन्य भाषाई पोरोग्राम देखने की सुविधा थी !हमे मन पसंद प्रोग्राम देखते हुए दो बार नींद भी लग गई !हमे अभी और लता जी एवं मुकेश के हिट गाने सुनना बाकि थे !की विमान से उद्घोषणा हुई की ३० मिनिट बाद हम जान केन्नेडी एअर पोर्ट न्यू यार्क पर उतरने वाले हेअब टी वी सेट बंद किए जा रहे हे !कृपा करके अपनी सीट बेल्ट बाँध लें !समय अनुसार विमान जमीन पर दोड़ने लगा ! फ़िर जेसे ही रुका उसके गेट पर उतरने के लिए रास्ता बना दिया गया !विमान से उतरते हुए पोर्ट अभिकरण ने हमारा स्वागत किया !अपना सामान लेकर बाहर आए ,जहा हमारा रिंकू [योगेश]स्वागत को आतुर था !अभिनंदन कर सभी के गले से लिपट कर मिला !कितना प्यार और इन्तजार था आँखों में ?सामान को अपनी टोयटा यारिस में रखवाया और वहां से सुपर हाई वे पर बोस्टन की और चल पड़े !
हाई वे मार्ग ----पर योगी अपनी गाड़ी ६५ मील [१०० किलो म ] प्रति घंटा की गति से चला रहा था ! जो यहाँ की सामान्य गति कही जाती हे ! फॉर लें न रास्ते एक तरफ़ इसी तरह दूसरी दिशा में भी फॉर लेंन सदके हें !वन वे रोड कोई क्रासिग नही नो स्पीड ब्रेकर और न ही किसी हार्न की आवाज सभी गाडियाँ अपनी गति से चल रही हें ! फ्लाई ओवर भी काफी पार किए ! सदके चोरी ,पक्की और साफ़ थी !हम तीन सो मील चले सफ़ेद लेने पेंट वाली साथ चलती रही !रोड से बाहर जाने के लिए संकेत बोर्ड अपना काम बहुत अच्छी प्रकार से कर रहे थे !योगी की गाड़ी बड़ी समूथ चल रही थी ! हमे लघु शंका हुई तो बेटे तभी उसने ग्लोबल पोजिशनिंग के हेंड सेट को आन किया ! उसमे हमारी पुरी रोड का मेप आने लगा तो मालुम पड़ा तीन मील दूर रेस्तरां हे !हम वहीं फ्रेश होंगे !हमारा पहला पड़ाव था कनेक्तिकुत स्टेट का स्वागत दुआर ,यहाँ हम फ्रेश हुए नास्ता करके ५० मील आगे स्टेट पार्क में घुमने चले गए !पार्क के पिछले किनारे को एटलांटिक सागर छू रहा था कई अमरीकी परिवार समुद्र में नहा रहे थे !हम भी वहा नहाए और पिकनिक जेसा मजा लिया !वहां से चल कर सीधा घर पहुचे खाना खाया और विश्राम के लिए लेट गए !
Monday, August 25, 2008
पासपोर्ट से एयर इंडिया की उड़ान तक -
रेलवे स्टेशन आम दिनों कि अपेक्षा ! आज कुछ जिआदा चम् चमा रहा था ! स्टेशन में प्रवेश करते ही लगा हर कोना महक रहा था !टी स्टाल ,बुक स्टाल और स्टेशन अधीक्षक का कमरा और प्लेट फार्म पर लगे विज्ञापन बोर्ड चमक रहे थे ! कोटा स्टोन का बना फर्श उत्तर से दक्षिण तक ! सब कुछ व्यवस्थित था ! मानो कोई ख़ास मेहमान आ रहा हो या फ़िर { i s o } [इंटर नेशनल स्टेंडर्ड ओर्गेनैजेशंन ] के प्रमाण पत्र पाने के लिए विभाग संजीदा हो गया था ? हमारे लिए तो यह दिन aur bhi bahut सुहावना बन गया था !आज योगेश कि धर्मपत्नी शमिता हमे अपने साथ १५००० किलो मीटरदूर अमेरिका कि यात्रा पर ले जा रही थी !
दिन के दो बज रहे थे ! हम स्टेशन के प्लेट फार्म एक पर दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे थे !इस ट्रेन कि रिजर्वेशन तो हमने पन्द्रह दिन पहले कराई थी ! लेकिन मानसिक तेयारी और पहले हो गई थी ! हम अपने भाई -बहिनों से उनके शहर जा कर मिले और उनसे आशीर्वाद लिया ! सभी शुभचिंतको से उत्साह पूर्वक मिलते ,जहाँ नही पहुंचे उन्हें फोन पर ही सूचित कर उनका आशीष प्राप्त किया ! तेयारिया चलते विदेश यात्रा का बीमा होता हे वह भी करवा लिया था !
प्लेट फार्म पर हमे विदाई देने वालो में पहुचे थे मान्यवर सुभाष बहल ,चन्द्र खुराना ,सतीश अग्रवाल ,नरेश ,प्रकाश ,महेश ,आशा नीता ,रिया,अंजलि ,प्रत्यूष , जतिन प्रिया धीरज ,हनी , स्पर्श एवं परिवार के छोटे चिराग आदि {आर्य-वीर }सभी ने गुलाब के फूलो ,गुलदस्तों से हमारा स्वागत किया था !वे आत्मीय ख्यं हमे अब तक भी चंवर झुला कर ताजगी और शीतलता प्रदान करते हुए याद आते हें ! सभी प्रसन्न मुद्रा मर यही वयक्त कर रहे थे कि हमारी विदेश यात्रा आनंद दायक हो !वहा के शुभ और नवीन अनुभव लेकर वापस आंये !जेसे ही ट्रेन चलने का सिग्नल हुआ !शताब्दी बिना आवाज के धीरे धीरे चलने लगी ! प्लेट फार्म छुट ता गया ,सभी अपना हाथ हिला कर सद्भावना से बाय बाय कहते विदाई देते दूर तक दिखाई देते रहे
हमारी ट्रेन शाम सात बजे गवालियर स्टेशन पर रुकी ,यहाँ हमारे मित्र सुभाष सयाल ,निर्मल दीदी ,टोनी ,रश्मि,सागर सभी ने गले मिल कर हमारा अभिनंदन किया !पाँच मिनिट बाद हमारी ट्रेन गंतव्य कि और बदने लगी !कोच का बेरा सफ़ेद शर्ट और काली पेंट पहने हाथों में ट्रे लिए हमारे पास आकर धीरे बोला सर टमेटो सूप अब सभी ने सूप का एक एक डिस्पोजल गिलास लिया !गर्म टमेटो सूप स्वादिष्ट था इसलिए सभी को पसंद भी आया !इसके बाद सभी यात्रियों को डिन्नर दिया गया !फ़िर ठंडी वेनीला आइसक्रीम का रसा स्वादन करते करते रात सादे दस बजे न्यू देहली स्टेशन पर पहुच्चुके थे !स्टेशन से ही हमने एयर पोर्ट के लिए प्रीपेड टेक्सी ले ली थी और लगभग १२ बजे हम इंदिरा गाँधी अन्तर राष्ट्रीय हवाई अडे पर पहुच गये
हमारी उड़ान ५३६एरो- फ्लोट का समय था प्रात चार बजे !उसका काउन्टर तीन घंटे पहले यानि एक बजे खुलना था बस इन्तजार बाकी था इसलिए एयरपोर्ट पर लगी सूचनाओ के पड़ने में अपना टाइम पास कर रहे थे रात्री एक बजे कि हमारी कम्पनी कि उड़ान सात घंटे लेट हे !यह शब्दावली सुनते ही माथा ठनक गया !तीनो प्राणी सन्न हो गये हमे लगा देसी रेलवे के समय का असर विमान-सेवा पर भी होने लगा हे हम परेशानी अनुभव करने लगे कि कहाँ जाय !सामान् के साथ पोर्ट पर विश्राम केसे होगा ? मेने काउन्टर पर पहुच कर अपनी समस्या रखी वहा बेठी युवती ने हमसे टिकिट दिखने को कहा !चूँकि हम पहली बार विदेश जा रहे थे !तो युवती ने वीजा के साथ यू .एस का आमन्त्रण पत्र भी माँगा जो हमारे पास नही था !इस पर उसने हमें सतर्क किया ,आमन्त्रण पत्र हाथ में न होने पर रास्ते में या यू एस एयर पोर्ट पर भी आपको नगर प्रवेश से रोका जा सकता हे !इसलिए पत्र कि व्यवस्था कर लेना हमारे लिए हितकारी होगा !फ़िर पीछे खड़े अपने स्टाफ के व्यक्ति से कहा -उड़ान का समय निश्चित होने तक ,इनके लिए होटल कि व्यवस्था करे !इसी बीच शमिता ने समझदारी की ,तुरंत योगेश को फोन लगाया कि वह इमेल या फेक्स से हमे पत्रक भेज दे इसी विकत सिथिति में योगेश का जबाब था --अभी एक घंटे में जरुरी पत्र इमेल में स्केन कर भेज रहा हूँ !आप चिंता न करे ! योगेश के प्रतिउत्तर से मुझे बड़ी सांत्वना मिली !हम निश्चिंत हो गए !कम्पनी ने हमे होटल की स्टाफ बस से पाँच सितारा होटल जे पी .सिद्धार्थ में भेज दिया !थोडी देर बाद हम कमरा न १२१ में आकर सो गए !
पुस्तक एवं लेखक परिचय
श्याम बिहारी सक्सेना
सह सचिव राम कृष्ण मिशन ,साहित्यक एवं गायत्री साधक
Friday, August 22, 2008
यात्रा संस्मरण पुस्तिका का उदेश्य {प्रस्तावना} -ले -ॐ खुराना
मेने इस धरती पर आकर जो अनुभव किया !उसका अपनी शेली और अपनी ही बोल-चाल की भाषा में आपके सामने चित्रांकन कर रहा हूँ !में आशा करता हु जिनकी युवा संताने लंदन /आस्ट्रेलिया /कनाडा अथवा अमेरिका में नोकरी कर रही हे !अथवा उन्हें पहली बार विदेश जाने का अवसर मिल रहा हे !उनके लिए यह पुस्तक मार्ग दर्शक का काम करेगी !दुसरे वे महानुभाव जो नियम /सयंम /तप /त्याग /सेवा सुचिता और सत्य जेसे शब्दों में अर्थ न दूंद पाए हो , वे लोग ऐसे देश के नागरिको का रहन सहन देख कर उनसे बहुत कुछ प्रेरणा ले सकते हे !मेरे कई मित्र विदेश यात्रा से लोटते .तो मुझे अक्सर उनसे उनके यत्र संस्मरण सुनना बहुत अच्छा लगता था !मुझे चर्चाओं में गुथी हुई अच्छी कहानिया ;उत्प्रेरक बातें /लिबास के रंग /शिष्टाचार के ढंग /जानना बहुत सुहाना लगता ,यात्राओं के रोमांच, उनको मिले सदवाक्य-सदभावना और सदविचारों का अर्क निकालता थाफ़िर उस खुशबु दार अर्क-इतर को सब के कान अटकाने में मुझे आत्म संतोष और आनंद मिलता था !इस रीत में जो सुख बीस साल पहले मिलता था, उसमे आज भी रत्ती भर कमी नही आई हे यहाँ मुझे संसकृत का एक शलोक बहुत ही पसंद हे ! सर्वे भवन्तु सुखिना सर्वे सन्तु निरामया ! सर्वे भद्राणि पस्चान्तु माँ कष्ट दुःख भाग भवेत् !
महेश,हिमाली द्वारा प्रकाशन हेतु उत्साह मिलता राहा। प्रिया और सुचनाप्रोदोयिकी इंजिनियर जतिन द्वारा यात्रा संस्मरण की बिखरी हुई पांडुलिपियों को कंप्यूटर पर व्यवस्थित कर उन्हें प्रकाशन हेतु तेयार करने के लिए चारो साधू वाद के पात्र है ।
मेरी इस यात्रा के संस्मरण पड़ कर यदि आप उन मानवीय सदगुणों को धारण करने का प्रयास करेंगे, तब वह न सिर्फ़ आपके लिए बल्कि आपके संपर्क में आने वाले को भी लाभ प्रदान करेगा।
मेरा e-mail address mailto:-om.p.khurana@gmail.com
फ़िल्म इंडस्ट्री एवं नाट्य कला मंच -
गुरूद्वारे के दर्शन एवं लंगर =
Wednesday, August 20, 2008
अमेरिका के विश्व विद्यालय
cambride.www.cpsd.us यदि आप अंतरराष्ट्री राजनीति और सुरक्षा जेसे विषयों पर डिग्री लेना चाहे तो वाशिंगटन डी सी में दी इन्स्तिचिउटआफ वर्डपोलिटिक्स से सम्पर्क करें info@iwp।edu / www।iwp।edu एक दिन हम शमिता के कालेज में गएबडा केम्पस तीन बडे बडे भवनों के ब्लोक हें और जान ऍफ़ कन्नेड्डीलायब्रेरी हे जो यहाँ की बडी लायब्रेरियों में गिनी जाती हे !इसकी तीन साइड समुद्र से घिरी हुई हे !जिसमे हाउसबोट भी चलती हें ! जे ऍफ़ के नाम से मेट्रो रेल स्टशनभी बनाया गया हे ! न्यू जर्सी में तो होंयो पेथी डिरेक्टरी डिप्लोमा कोर्स हबी होता हे! वहा रह कर जो कोर्स करते हे उनको वहानोकरी का चांस मिल जाता हे !
Thursday, August 14, 2008
वाशिंगटन स्ट्रीट शाम ५ बजे का समय --
अमेरिका की केन्द्रीय के सभी कार्यालय वाशिगटन दी सी [डिस्ट्रिक ऑफ़ कोलम्बिया ]में हे !यह ५० राज्यों की सयुक्त राजधानी हे !यहाँ वास्तुकला का अदभुत दर्शय तीन टांग की लकड़ी की नक्काशी दार टेबल की तरह लगभग तीस मंजिला भवन के ऊपर एक रिवाल्विंग होटल ,वास्तु कला का कमाल था एक बहुत विशाल शेड जिस में बोइंग ७४७ जेसे विशालकाय विमानों को असेम्बल किया [जोड़ा ] जाता हे !इसे संसार का सब से अधिक लम्बा ,चोदा और ऊचा कहा जा सकता हे ! सभी स्टेट की अपनी पहचान के अलग अलग ध्वज हे किंतु संयुक्त राज्य अमेरिका का यूनियन फ्लेग ही हर नागरिक की पहली पसंद हे !इस धवज में तिहाई नेवी ब्लू पर ५० सितारे शेष में लाल सफ़ेद लेने हे !देश में साधन सम्पन्न अनुसन्धान केन्द्र , बड़े बड़े पुल गुफा मार्ग ,देत्याकार भुजाओं जेसे मीलो लम्बे फ्लाई ओवर ,मेट्रो कम्प्यूटरी कृत रेलें ,मंगल और बुध ग्रह पर जाने की तेयारी में रॉकेट ,सॅटॅलाइट यह सब कार्य रोमांचित करते हे !हर रेस्तरा ऑटो मेटिक फ्लैश सिस्टम ,पार्किंग या टोल नाके आटोमेटिक खुलने एवं बंद होने वाले बेरियर ,सिम सिम कहते खुल जाने वाले सभी संस्थानों के प्रवेश दुआर ,सुरक्षा के लिए अद्रश्य कैमरो का जाल और सत्य की आदत [झूठ में आधिक सजा डर ]यह सब करिश्मे तिलिस्मी दुनिया से लगते हे !लेकिन यह यहाँ सब सच हे !
Wednesday, August 13, 2008
शिकागो का गायत्री मन्दिर [ गा .श .पीठ ]
में बना था. अभी न्यू जेर्सी गायत्री मिशन की मदत से इतास्का में १७००००० डॉलर की मदत से १ चर्च ख़रीदा गया था और उसमे गायत्री शक्तिपीठ का निर्माण शुरू कर दिया गया है ...यहाँ से फ़िर भारतीय संस्कृति के बारे जानने का ,अमेरिका वासियो के लिए एक दरवाजा खुल जाएगा !फ़िर सभी लोग देव संस्कृति पड़ने के लिए नालंदा - तक्षिला विश्व -व्व्दियालय की तरह देव संस्कृति विश्व विद्यालय -शांतिकुंज -हारीद्वार -उतराखंड -भारत में जा सकेंगे उदार वादियो का नगर ,इलिओनोइस की राज धनि शिकागो ,भारत वासियो की द्रष्टि में और भी महत्व पूर्ण हे !लगभग सो साल पहले यहाँ एक धर्म संसद बुलाई गई थी उसमे भारत विद्वान युवक आए ,जिन्हें बाद में स्वामी विवेकानंद के नम से जन गया उन्होंने जो प्रवचन दिया वह सार्वजनीन तो था ही ,लेकिन उनके दो शब्दों ने पूरे श्रोता समुदाय को मन्त्र मुग्ध कर दिया था !अगले दिन उनके कथन को अखबारों ने मुख प्रष्ट पर सम्मान से छापा था !धर्म संसद का गरिमा पूर्ण मंच धर्म आचार्यो और वक्ताओ से महक रहा था !यहाँ के चलन मुताबिक मंच पर जो भी वक्ता आते ,श्रोताओ को संबोधन में कहते लेडिज एंड जेंटल में न -लेकिन स्वामी विवेकानंद अमेरिकी इतिहास में पहले इसे धर्म आचार्य थे जिन्होंने श्रोताओ को बडे आत्मीय भावः से संबोधित किया ;"माई सिस्टर एंड ब्रदर्स : इतना कहते ही पूरी सभा तालियो से गूँज उठी थी वह बोल अमेरिकी ह्रदयों में भारत के प्रति प्यार के बीजारोपण के साथ साथ उन्हें अंकुरित भी कर गए थे ! एक बार गुरदेव आचार्य श्रीराम शर्मा जी ने प्रवचन करते बताया था मैअपने शरीर को एक लेबोरेट्री के तरीके से बना कर जिन्दगी भर उसमे प्रीख्शन करता रहा हू ! जिसमे जबान की नोक से उचार्ण किए गयशब्द भी शामिल हे ;हाथ से माला घुमाया जन भी शामिल हे फूल चावल चदानाकर्म -कांड हे मै मानता हू सिर्फ़ कर्म -कांड लाश हे ! आप इसकी निंदा करते हे तो बेटा मै भी इसकी बहुतनिंदा करता हू ! हम तो मजाक उड़ाकर न जाने किया किया कहते हे ! मै कहता हू कर्म कांड के साथ विचारो का सुधारहोना बहुत जरुरी हे भगवन सबी या मूर्तियाँ सब ने अपनी कल्पना से बनाईहे! भगवान की कोई मूरत नही बन सकती ! असली भगवान एक चेतना हे जो सारे विश्व मै वियापतहे ! उसकी एक छोटी सी चिंगारी हमारे और आपके भीतर बेठी हुई हे जिसको हम कहते हे ब्रह्म ! ब्रह्म विराटऔर जीव लघु हे । जीव और भगवान जब मिलते टीबी क्याहोता हे जेसे बिजली के दो तारजब आपस मेमिलते हें तो क्या बात होती हे ! एक स्पार्क निकलता हेऔर करंट निकलता हे ! हम मे क्या निकलते हे आदर्श और सिधान्त ! जब भी भगवान मिलेगा मनुष के भीतर ही मिलेगा श्रधा से भगवान आतें हे ! श्रधा का अर्थ हे श्रेष्ठ ता और आदर्शों से प्यार गुरु गोबिंद सिंग जा इब्राहीम के तरीके से हमे नुक्सान उठाना पड़ता हो तो उठाना पड़े ; लेकिन हम सिद्दांतों पर जिन्दा रहेगे ! श्रद्दा मे बड़ी शक्ति हे ! महापुरुषों से लेकर ऋषियो तक और जहा तक भगवान् के भक्त हुए हे वहा तक हरेक के भीतर हम पाते हे की अगर वे सफल हुए तो ;और अगर सफल नही हुए तो ; एक ही वजह से हुए हे की उनके अंदर श्रधा का अंश कितना रहा ! कर्म -कांड रहे ; पूजा रही हे उपासना रही हे भजन करने वाले रहे हे जप करने वाले रहे हे ; श्रद्धा के आभाव की वजह से जीवन मे श्रेष्ट ता का समावेश न कर सके और गई गुजरी अवस्था मे पडे रहे ; जप करने वाले जप करे । भक्ति होती रही , भजन होते रहे ,पर नीचता और निकम्मापन जहा का तहां बना रहा ! निकृष्ट ता ने पैर नही हटाए और भक्ति ने चमत्कार नही दिखाए ! भक्ति आयेगी तो हमारा निक्क्मापन चला जाएगा ! निक्मापन रहेगा तो भक्ति नही आयेगी !उपासना -साधना का प्राण हे श्रद्दा !शान्ति कुञ्ज से पधारे श्री पंड्या ने कहा आपको यू -एस - ऐ -का अर्थ मालूम हो !यू -उपासना ,एस -साधना ,ऐ -आराधना ,इस धरती के इन अक्षरों पर अम्ल करो !आपको पता हो एनी बेसेंट यहाँ की थी जिसने भारत की इस संस्कृति को आत्मसात कर लिया ,इशु ने हिमालय के सिद्ध आत्माओं से ज्ञान प्राप्त किया !मदर टेरेसा को भी भारत में ही सेवा कर आनंद की प्राप्ति हुई थी!भारत की भूलती जा रही उस संस्कृति पुन्न स्थापित करने हेतु नालंदा ,तक्षिला के समान देव संस्क्रती विश्व विदियाली की शाखा स्थापित की जाएगी जिसमे योग साधना परिवार प्रबन्धन ,मन्दिर प्रबंधन और साऊथ इंडियन कल्चर भी पदाया जाएगा
Monday, August 11, 2008
लिबर्टी स्टैचू [आजादी की मशाल ]
इस टापू पर हमे घूमते हुए एक बज गया !हम एक बडे क्रूजर में बेथ कर न्यू जर्सी राज्य में पहुच गए !रिम झिम बरसात होने लगी हम तेज कदमो से अपनी गाड़ी तक आ गये अब भूख लगने कगी और अपनी घर जेसा कुछ खाने का दिल था !जानकारी लेने पर पता चला ४० किलो मीटर की दुरी पर जर्सी नम का शहर हे वहा भातीय लोगो की होटल हे मुह में पानी आ गया !हम ने जर्सी का रुख किया !और पहुच गये ,इंडियन डोसा हट ,एक गुजरती लड़की इस होटल की व्यवस्था देख रही थी भीनी भीनी गंध आ रही थी !हमने दोसे का आर्डर नोट कराया और १७ न; की टेबल पर बैठ गये !थोडी देर में आवाज़ आई टेबल न; १७ का आर्डर रेडी हे हम अपना लाकर खाने बैठ गये गर्म गरमा गर्म सांबर की देगची हमारे पास रखी थी हम ने स्वेच्छा से संबर डोसा ,उत्तपम ,इडली , लेकर तबियत से खाया !काफ़ी पीते पीते ध्यान आया की शीला दीदी लड़की लवली [सारिका ]भी तो जर्सी में कही नोकरी करती हे !आँखे तलाश रही थी आज रविवार हे ,कही डोसा खाने आ निकले तो मुलाकात हो जाए !सम्पर्क करने का साधन मोबाईल था !परन्तु लवली भांजी का न; हमारे पास न था !भारत में उस वक्त रात के दो बज रहे थे वहा फोन करना अनुचित लगा !काफ़ी की चुस्किया खत्म कर गाड़ी में सवार हो गये !शहर के बहार सरार जी का पेट्रोल पम्प था वहा से टेंक फुल करवा कर ,न्यू यार्क के हाई वे क्रमांक ९३ पर ड्राइव करने लगे !
योगेश गाड़ी चला रहा था ,पार्श्व सीट पर शमिता जी , पी. एस .हेंड सेट हाथ में लेकर बेठी थी !इस के बिना तो दस कदम गाड़ी चलाना मुश्किल !यहाँ की सडको के किनारों पर पेड़ पोधे तो जी भर कर देख लो लेकिन आदम जात दिखाई नही देती !जो हमे रास्ता बता देवे !शमिता जी पि एस देख कर मार्ग की पोजीशन बताती जा रही थी दुसरे उसे तरोताजा बनाए रखने के लिए कभी भजन ,चुटकुले गीत तो कभी टाफी गोली खिला कर मनोरं
जन कर रही थी!---------
दो घंटे से गाड़ी इतनी तेज मनो हवा से बातें कर रही थी १मुझे लघु शंका निवारण की हाजत हुई ,मेने दो मिनिट गाड़ी को जंगल में एक किनारे रोकने के किए कहा !बेटे ने बताया रोड के किनारे कही भी खडे हो जाना अशिष्ट ता का सूचक हे !गाड़ी चलते हुए मार्ग संकेत से ज्ञात हुआ एक मील के भीतर रेस्तरा आने वाला हे !यह मेक्दोनल रेस्तरा था जिसकी शाखाए पूरे अमेरिका और कनाडा में हे इसमे रेस्ट रूम यानि स्वच्छ शोचालय ,पब्लिक फोन ,और पेय जल ठंडा और गर्म हर जगह मिलता हे !हम गाड़ी पार्क कर के फ्रेश हुए ,फ़िर पिजा खाया काफी लेने के बाद फ़िर सुपर हाई वे यात्रा शुरू !!हाई वे और बडे आउट लेट में तो थ्रू ड्राइव सिस्टम भी रहता हे ! यानि आपको कार से उतरने की आवश्कता नही !जैसे पेट्रोल पम्प पर हवा भरने का बूथ रहता हे !इसी प्रकार के बूथ के सामने गाड़ी रोक दे !वहा लगे मीनू कार्ड में पद कर बेठे बेठे माइक पर आर्डर दे दे !बीस कदम बाद पहली विंडो में आपका बिल तेयार हे ,यहाँ आप भुगतान करे ! अगले १५-बीस कदम बाद आपको डिलेवरी विंडो में सामान मिल जाएगा !आप कार में बेठे बेठे नास्ता, खाना लेकर आगे की यात्रा चलू भी रख सकते हे !बहुत व्यस्त नागरिक समय बचाने के लिए ड्राइव थ्रू जाना पसंद करते हे !यही सिस्टम सी ,वि , एस ,फार्मेसी शोरूम में भी लागु हे !जो दवा के लिए २४ घंटे चालू रहता हे !पीजा किंग ,द्न्किन,दुनौत और पनेरा ब्रेड आदि रेस्त्राओ में भी सिटिंग के साथ ड्राइव थ्रू से भी खान पान उपलब्ध कराया जाता हे !
Saturday, August 9, 2008
आज का दिन ==
आज सान्द्यदैनिक अखबार sandhy prakash पर समाचार पड़ने लगा एक दिन में बीस चोरिया , श्रावण में कावाडियो के रेले मेले ! इसके बाद का समाचार था ' नोक्ranio के नखरे. लिखा था झाडू -पोचा के तीन सो रुपए देने के बाद भी महीने में दस छुटिया करना इनकी आदत हो गई हे ! किया करे मज़बूरी हे ?जबकि यहाँ चोरियां भी नही होती और घर क्र सारे काम ख़ुद करते हे ! पाँच वर्ष की उम्र से सब कोई अपने काम ख़ुद ही करता हे! यह कितनी अच्छी बात हे हमारे यहा की बाई को तो म्युन्सिप्ल के कूदे दान में कचरा फेकने में भी शर्म आती हे !दो सो वर्ष से आजाद देश पूर्ण रूप से विकसित होगया हे !लापरवाही कही नही ! हर आदमी नव निर्माण की सोचता हे न की विध्वंस की !प्रकृति ने भी वन ,खनिज , नदी ,समुद्र ,पर्वत आदि बहुत दिया हे !वास्तुकला ,नाटक ,इलेक्ट्रानिक्स ,नख्यत्र जानकारी और राजनीत में ये लोग पारंगत हो चुके हें !आज hm प्लाकिंग डे मनाने एक बड़े २५ एकड़ में फ़ले फार्म हॉउस में गए !सेब ,आडू ,चेरी के पेड़ लबा लब गदराए हो कर झुक गए थे !एक खेत में टमाटर ही टमाटर कई तो पाव पाव वजन के थे !फार्म में बच्चो के लिए बने चिडिया घर में ,खरगोश ,मोर ,गाय भेद ,बकरी और मुर्गे भी थे !मुर्गे के पिंजरे पर लगे फलक में लिखा था .,'मेरी जाती का जन्म इसवी सदी से पहले हुआ था !शास्त्रों में भी मेरी चर्चा होती रही हे !में एलार्म का लोगो को जगाने का काम भी करता हु !मेरा चिकन मिट भी आपको आछा लगता हे !किंतु मेरा वंश न खत्म हो जाए इतना संरक्ष्ण हमे जरुर दिया जावे ! रास्ते में एक नदी के पुल से पहले हमे रोक दिया ! तब हमे आश्चर्य हुआ लोहे का वह पुल दशहरे के रावण की तरह खडा हो गया और माल वाहक शिप के क्रॉस होने पर पुल फ़िर वापस जुड़ गया !फ़िर उसके उपर से हमारी गाड़ी निकली और रसदार फल खाते खाते घर पहुचे खुश थे !अगले दिन हम एक बेबी शावर पार्टी में शरीक हुए !जेसे गोद भराई ,कंजी की रस्म वैदिक पद्धति में पुंसवन सस्कार तरह गर्भाधान के बाद बेबी शावर का चलन हे!सभी निमंत्रित उस देवी को गिफ्ट और अपनी शुभकामनाए देते हे !बर्थडे की तरह इस पार्टी के लिए भी कई वेराइटी के सजावटी साधन हे !क्रिस्तानो में हलोविन नामक त्यौहार भी बडे उत्साह से मनाते हे !यह नवम्बर के प्रथम सप्ताह हे!लेकिन तेयारिया तो महिना पहले खरीदारी हो जाती हे !इस दिन दीवाली की तरह घरों के साथ इसाई कब्रिस्तानों को भी सजाते हे !छोटे बच्चो को फेंसी या भूत प्रेत वाली ड्रेस पहनने का रिवाज़ हे !मुस्लिमो में शबे रात और हिन्दुओ में श्राद्ध करते हे ,उसी प्रकार इसाई बच्चों में चाकलेट बाँट के अपने पितरो की कब्र पर पुष्प अर्पित कर अपने लिए दुआ मांगते हे !मेने देखा हर फील्ड की गहराई छूने की कोशिश जरुर करते हे अमेरिकन !क्राफ्ट और सजावट में .माइकल क्राफ्ट स्टोर एक ब्रांडेड नाम हे !इसके एक स्टोर में २०---२० फुट की २५ गेलरी हें इसी तर्ज़ पर १० वर्ष के बच्चो के लिए बेबी आर अस !रेडी मेड कपडों का मेसी स्टोर जहा हर ऊची ब्रांड के कपडे मिलेगे ,पूरी इलेक्ट्रानिक रेंज के -बिग बाए -स्टोर सभी ऊपरोक्त विशालता के साथ हर बड़े सिटी में मिलेगे जनरल में वाल मार्ट और होम स्टोर में भवन निर्माण का पूरा तेयार सामान लो ,पलम्बर,मिस्त्री को बुलाओ !बस दस इन में रहने के लिए घर तेयार हो जाता हे जेसे सर्कस में कम होता हे !उपरोक्त स्टोर की पुरे देश में चेन बनी रहती हे !
पुलिस ने आधिकतर थानों में नगर सुधार समितिया बनाई हुई हें !जिनका कार्य अपराधो पर नियन्त्रण रखना साथ ही पुलिस को सहयोग करना जिसे नाम दिया था
the power of neighbor on crime --
Friday, August 8, 2008
बोस्टन शेहर में सुबह की सैर --
Tuesday, August 5, 2008
न्याय मन्दिर का दिलचस्प नजारा
सिटी के साउथ वेस्ट में दस मीलदूर दखिन शैली में बना एक लक्ष्मी टेम्पल हे वहदेखने में बहुत सुंदर हे उस में शंकर पार्वती गणेश कार्तिके हनुमान और देवियो की मुर्तियं विराजित हे !वहां सभी त्यौहार मनाए जाते हे और कभी कभी हवन भी होता हे ऐसे ही बोस्टन नॉर्थ में एक गुरुद्वारा भी हे। १३०५ हेन्कोक स्ट्रीट पर बना म्युंसिपल हॉल लाल पत्थरों से बना यह ठोस मजबूत दोमंजिला भवन। जिस पर अमेरिकन झंडा यूनियन फ्लग फेह्राते हुए मध्यम प्रकाश में भी सुंदर लग रहा था। भवन के निर्माण के समय भी यही विचार रहे होंगे। कोर्ट की कार्यवाही देख कर पुष्टि हुई। इस न्याय मन्दिर के भूतल पर आफिस तथा लायब्ररी थी, उपर प्रथम तल पर म्युंसिपल कोर्ट का भव्य हॉल ,सादे लाल रंग का कालीन पूरे फर्श पर बिछा था !जिस पर लग भग सो कुर्सिया लगी थी !नियैक मंडल की टेबल कुर्सियां थोड़ा ऊचाई पर तथा मुख्य जज के लिए ऊच आसन लगा था !अंदर प्रकाश की पूरी व्यवस्था थी छत में लटका बीस बल्ब वाला झूमर स्थान को गोरव प्रदान कर रहा था
में अपने इंजीनियर बेटे के साथ इस हाल में नियत समय सवा सात की बजाय शाम सात बजकर बीस मिनट पर पहुचे थे !मुख्य न्याय धीश और उनके सहायक अपने आसनों पर विराजित थे !दर्शक दीर्घा की लगभग सभी कुर्सिया भर गई थी !आखिरी पंक्ति में तीन खाली थी ,अत दो पर हम जम गए !कोर्ट की सुनवाई शुरू थी !हमारे बाद भी दस पन्द्रह नागरिक विभिन्न कालोनियो से पहुचे थे !देरी से पहुचने वालो को खड़े होकर कोर्ट की कार्य वाही सुनने में ही संतोष करना पडा !
दरअसल नगर पालिका की इस कोर्ट में उन अनुज्ञा आवेदनों पर निर्णय लिया जाना था !जो मकान मालिक अपने पूर्व मकानों में परिवर्तन अथवा पुनर्निर्माण करना चाहते थे !हमारी कालोनी का भी एक केस था !जो अपने व्यवसाय क भवन में बीमा एजेंसी कार्यालय बंद करके रेस्टोरेंट शुरू करना चाहता था !स्थानीय शासन के नियम अनुसार इस तरह के निर्माणों की स्वीकृति देने के पूर्व महा पोर की और से पब्लिक नोटिस बोर्ड पर सूचना चस्पा करने के साथ अडोसी पडोसियो को भी सूचना भेजी जाती हे !की निम्लिखित भवनों के आवेदनों पर निर्णय से पूर्व निर्धारित समय पर पहुच कर अपने सुझाव अथवा समस्याओ पर अपना पक्ष रख सकते हें !जिज्ञासु एवं जागरूक नागरिक होने के नाते ,आमन्त्रण पत्र कोर्ट में हम भी पहुच गए थे !
फिल्मी अदालत सा वातावरण ,क्रमवार केस क्रमांक तीन की सुनवाई शुरू हुई जिसमे हमारी कालोनी वाले मिस्टर हेनरी ने बताना शुरू किया !अठारह मिनिट तक की इबारत का सार यह था 'वह नगर वासियो को स्वस्थ वर्धक एवं लजीज व्यंजन खिलाने के लिए ८४ सीट वाली रेस्तरां ,जिसके बहर ३२ कारो के पार्किंग की वयवस्था होगी की स्वीकृति चाहता हे ' !उसकी बात ख़त्म हो गई ,तब कालोनी वासियो के वकील ने अपना पक्ष रखा ! सर -नियम अनुसार सम्बन्धित मकान मालिक श्री हेनरी ने कुछ दिन पूर्व आस पास के निवासिओं की सभा बुलाई थी !इनके मान चित्र के अनुसार पडोसियो के सामने पहली मूळ समस्या पार्किंग की हे !इनके नवीन मानचित्र में पार्किंग के लिए जो रिक्त स्थान छोड़ा गया हे उसमे अधिक से अधिक २२ गाड़ी ही पार्क की जा सकती हें !किंतु नियम कहता हे की उस रिक्त प्लाट दो गाड़ी की पार्किंग विकलांग अथवा व्हील चेयर के लिए होना चाहिए ,जिसकी एक गाड़ी के लिए डबल स्थान छोड़ना पड़ता हे !दूसरा रेस्तरां के लिए प्लाट में ढक्कन वाली कचरा ट्राली भी रखना आवश्यक होती हे !उसके लिए भी दो कार की जगह कम करनी पड़ेगी !इन प्रिस्तिथियो में यदि रेस्टोरेंट की स्वीकृति दी गई तो पडोसिओं के लिए हमेशां का सर दर्द बना रहेगा !दोनों पक्ष की बातो को सुनने समझने में ज्यूरी को तीस मिनिट लगने बाद ,मुख्य जज ने मिस्टर हेनरी से कहा की वे पुन ; कालोनी वासियो से अपने प्रोजेक्ट एवं मानचित्र पर पुनर्विचार एकासी व्यवस्था करने के पश्चात १५ दिन बाद की तारीख पर उपस्थित हों !कोर्ट में पूरा समय समानता -शालीनता और शिष्टाचार के साथ ठोस निर्णय होते रहे !यह सब देख हमे भी खुशी हुई !men easi vyvastha
Monday, August 4, 2008
भगवान् विष्णु एवं दान वीर राजा बली की नगरी यू ,एस .
यहाके गोरे लोग सदा प्रसन्न ,संचय की आदत नही लक्ष्मी का पूरा उपयोग करते हे मूळ निवासी को बेरोजगारी की दशा में सरकारी भत्ता मिलता हे !फ़िर जोड़ने की आदत ही जाती रही हे खाओ पीओ और एश करने के सभी आदि हे !घर में सामान जरा भी बदने पर ,वेस्ट बाक्स में डालदेते हें !जगह जगह तीनप्रकार के वेस्ट कंटेनर रखे हे !एक में खाद बनाने वाला कचरा ,एक मे रिसाई कल वाला कचरा जेसे पेपर किताबे प्लास्टिक लोहे मेट्त्लक सामान और तीसरे में शेष सभी कचरा डालना होता हे !लोग पालन करते हे !शासन के नियम तोड़ने पर सख्त सजा का प्रावधान हे !सुबह सेर करने वाले यहा भी हें !गुड मार्निंग भी कहने की आदत हे !सात बजे सेर से लोट कर स्नान ध्यान कर नास्ता किया इतने में फोन की घंटी बजी !भारत से महेश ने शुभ समाचार दिया की ,चेम्बर अफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के चुनाव में उपाध्यक्ष के पद पर भरत पटेल विजयी घोषित किए गए !यह खबर मेरे लिए प्रसनता सूचक थी एक तो हमने इनके लिए काम किया था !दुसरे इस बात से मन आत्म विभोर हो रहा था की हमने एक कर्मशील -धार्मिक एवं सेवा भावी युवा उद्योगपति को समाज सेवा की पटरी चला दिया !हमे विश्वास हे अब जनता अपने आप उनसे समाज सेवा करवा लेगी !अच्छे लोगो को जितवाने का यतन करना भी समाजिक रन चुकाने के समान होता हे !--------------शाम को हम बडे शापिंग काम्प्ल्क्स आइका स्टोर में गए !जिसमे ग्राउंड फोलोर पर ५०० कारों की कवर्ड पार्किंग थी उसके प्रथम एवं दुतीय तल पर स्टोर था !घर में काम आने वाली हर वस्तु यहाँ उपलब्ध थी !फर्नीचर तक दिबा बंद पेकिंग में उपलब्ध था इस स्टोर की छत २५ फुट ऊची थी जिसमे १०फ़ुत व्यास के कई पंखे लगे थे !कर्मचारियों में ९०% प्रतिशत युवतिया थी इतने बडे माल में घूमते घूमते जब थक चुके !स्टोर के फ़ूड कोर्ट में मीनू देख खाने का आर्डर दिया !हमारी ट्रे में जो डिश आई वे थी गार्लिक टोस्ट वेज सूप ,नए टेस्ट की आइसक्रीम थी !फ़िर जरूरत का समान खरीद घर आए !इस तरह आज का दिन पूरा हुआ !