योगेश पिछली बार जब भारत आया था ! उसने हम दोनों के प्रपत्र पासपोर्ट बनाने के लिए तेयार कर दिएथे !बस हम को यह फार्म जमा करने के लिए एक दिन प्रातपासपोर्ट कार्यालय जन पड़ा !पुलिस जाँच संपन होने के दो माह के भीतर पासपोर्ट हमारे घर पहुच गये थे ! लेकिन यह सब होने के बाद भी हम ने अमेरिका जाने की कल्पना नही की थी ! बेटे को हमेशा अपने देश वापस आने के लिए पंकज उधास की ग़ज़ल sunaate the -चिठ्ठी आई हे वतन से चिट्टी आई हे---अब हम वहाजा कर क्या करेंगे ? हमारे अंदर कोई हलचल नही हुई ! बडा बेटा ज़रूर उत्सुक था ,कि माता पिता विदेश यात्रा करे ! उसी ने वीजा बनाने के लिए प्रयास किया था और दस वर्ष के लिए यू .एस का वईजा बन कर आ गया !
रेलवे स्टेशन आम दिनों कि अपेक्षा ! आज कुछ जिआदा चम् चमा रहा था ! स्टेशन में प्रवेश करते ही लगा हर कोना महक रहा था !टी स्टाल ,बुक स्टाल और स्टेशन अधीक्षक का कमरा और प्लेट फार्म पर लगे विज्ञापन बोर्ड चमक रहे थे ! कोटा स्टोन का बना फर्श उत्तर से दक्षिण तक ! सब कुछ व्यवस्थित था ! मानो कोई ख़ास मेहमान आ रहा हो या फ़िर { i s o } [इंटर नेशनल स्टेंडर्ड ओर्गेनैजेशंन ] के प्रमाण पत्र पाने के लिए विभाग संजीदा हो गया था ? हमारे लिए तो यह दिन aur bhi bahut सुहावना बन गया था !आज योगेश कि धर्मपत्नी शमिता हमे अपने साथ १५००० किलो मीटरदूर अमेरिका कि यात्रा पर ले जा रही थी !
दिन के दो बज रहे थे ! हम स्टेशन के प्लेट फार्म एक पर दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे थे !इस ट्रेन कि रिजर्वेशन तो हमने पन्द्रह दिन पहले कराई थी ! लेकिन मानसिक तेयारी और पहले हो गई थी ! हम अपने भाई -बहिनों से उनके शहर जा कर मिले और उनसे आशीर्वाद लिया ! सभी शुभचिंतको से उत्साह पूर्वक मिलते ,जहाँ नही पहुंचे उन्हें फोन पर ही सूचित कर उनका आशीष प्राप्त किया ! तेयारिया चलते विदेश यात्रा का बीमा होता हे वह भी करवा लिया था !
प्लेट फार्म पर हमे विदाई देने वालो में पहुचे थे मान्यवर सुभाष बहल ,चन्द्र खुराना ,सतीश अग्रवाल ,नरेश ,प्रकाश ,महेश ,आशा नीता ,रिया,अंजलि ,प्रत्यूष , जतिन प्रिया धीरज ,हनी , स्पर्श एवं परिवार के छोटे चिराग आदि {आर्य-वीर }सभी ने गुलाब के फूलो ,गुलदस्तों से हमारा स्वागत किया था !वे आत्मीय ख्यं हमे अब तक भी चंवर झुला कर ताजगी और शीतलता प्रदान करते हुए याद आते हें ! सभी प्रसन्न मुद्रा मर यही वयक्त कर रहे थे कि हमारी विदेश यात्रा आनंद दायक हो !वहा के शुभ और नवीन अनुभव लेकर वापस आंये !जेसे ही ट्रेन चलने का सिग्नल हुआ !शताब्दी बिना आवाज के धीरे धीरे चलने लगी ! प्लेट फार्म छुट ता गया ,सभी अपना हाथ हिला कर सद्भावना से बाय बाय कहते विदाई देते दूर तक दिखाई देते रहे
हमारी ट्रेन शाम सात बजे गवालियर स्टेशन पर रुकी ,यहाँ हमारे मित्र सुभाष सयाल ,निर्मल दीदी ,टोनी ,रश्मि,सागर सभी ने गले मिल कर हमारा अभिनंदन किया !पाँच मिनिट बाद हमारी ट्रेन गंतव्य कि और बदने लगी !कोच का बेरा सफ़ेद शर्ट और काली पेंट पहने हाथों में ट्रे लिए हमारे पास आकर धीरे बोला सर टमेटो सूप अब सभी ने सूप का एक एक डिस्पोजल गिलास लिया !गर्म टमेटो सूप स्वादिष्ट था इसलिए सभी को पसंद भी आया !इसके बाद सभी यात्रियों को डिन्नर दिया गया !फ़िर ठंडी वेनीला आइसक्रीम का रसा स्वादन करते करते रात सादे दस बजे न्यू देहली स्टेशन पर पहुच्चुके थे !स्टेशन से ही हमने एयर पोर्ट के लिए प्रीपेड टेक्सी ले ली थी और लगभग १२ बजे हम इंदिरा गाँधी अन्तर राष्ट्रीय हवाई अडे पर पहुच गये
हमारी उड़ान ५३६एरो- फ्लोट का समय था प्रात चार बजे !उसका काउन्टर तीन घंटे पहले यानि एक बजे खुलना था बस इन्तजार बाकी था इसलिए एयरपोर्ट पर लगी सूचनाओ के पड़ने में अपना टाइम पास कर रहे थे रात्री एक बजे कि हमारी कम्पनी कि उड़ान सात घंटे लेट हे !यह शब्दावली सुनते ही माथा ठनक गया !तीनो प्राणी सन्न हो गये हमे लगा देसी रेलवे के समय का असर विमान-सेवा पर भी होने लगा हे हम परेशानी अनुभव करने लगे कि कहाँ जाय !सामान् के साथ पोर्ट पर विश्राम केसे होगा ? मेने काउन्टर पर पहुच कर अपनी समस्या रखी वहा बेठी युवती ने हमसे टिकिट दिखने को कहा !चूँकि हम पहली बार विदेश जा रहे थे !तो युवती ने वीजा के साथ यू .एस का आमन्त्रण पत्र भी माँगा जो हमारे पास नही था !इस पर उसने हमें सतर्क किया ,आमन्त्रण पत्र हाथ में न होने पर रास्ते में या यू एस एयर पोर्ट पर भी आपको नगर प्रवेश से रोका जा सकता हे !इसलिए पत्र कि व्यवस्था कर लेना हमारे लिए हितकारी होगा !फ़िर पीछे खड़े अपने स्टाफ के व्यक्ति से कहा -उड़ान का समय निश्चित होने तक ,इनके लिए होटल कि व्यवस्था करे !इसी बीच शमिता ने समझदारी की ,तुरंत योगेश को फोन लगाया कि वह इमेल या फेक्स से हमे पत्रक भेज दे इसी विकत सिथिति में योगेश का जबाब था --अभी एक घंटे में जरुरी पत्र इमेल में स्केन कर भेज रहा हूँ !आप चिंता न करे ! योगेश के प्रतिउत्तर से मुझे बड़ी सांत्वना मिली !हम निश्चिंत हो गए !कम्पनी ने हमे होटल की स्टाफ बस से पाँच सितारा होटल जे पी .सिद्धार्थ में भेज दिया !थोडी देर बाद हम कमरा न १२१ में आकर सो गए !
Monday, August 25, 2008
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