Wednesday, August 27, 2008

मूर्ति कला --में कुछ नया कुछ ख़ास ?

शनि के बारे आम धारणा हे की यह दुःख का देवता हे ?आज शनि वार मेरे लिए तो शुभ ही होगा !मेरी कुम्भ राशि का स्वामी शनि हे ! स्वामी अध्यात्म और त्याग का प्रवर्तक हे !उस गुरु क्रपा से काँटों भरे संसार में रह कर भी men खुsh hun !योगेश ने प्रोग्राम तयकिया आज सभी मूर्ति कला देखने समुन्द्र किनारे [रिवेरा - बीच ]चलेगे !यह बताने में बेटे का उत्साह देख मुझे लगा वहां कुछ विशेष कला होगी !हमारी जिज्ञासा देख बेटे ने कहा पापा ,आज का वार्षिक पर्व ,अमेरिका के समुद्र किनारे घुमने वाले कलाकारों और सेलानियो का पर्व हे !आज यू । एस .ऐ । के सभी स्टेट के वे कलाकार जो रेत के पहाड़ बनाना जानते हें !इस बीच पर उनसब का मुकाबला होगा

इस प्रतियोगिता को न्यू इंग्लेंड आर्ट एसोसिशन संयोजित करती हे ! हर कलाकार को दस टन रेत एवं ४ घंटे का समय दिया जाता हे !इस अवधि में उसे अपनी पसंद की मूर्ति सीनरी ,स्टेचू वह जो चाहे बना सकता हे !निर्णायक मंडल उन कृतियों को देख अपना निर्णय देता हे !हमने जाकर देखा बड़ी भीड़ थी !आश्चर्य यह था की एक मील तक दो ल इन की कार पर्किंग फुल हमने और दूर जाकर गाड़ी पार्क की थी !ट्रेफिक पुलिस का इंतजाम भी पुख्ता था ! वहां कला कृतिया देख कर आश्चर्य चकित रह गये ! इस नई कला को पहली बार अपनी आँखों से मुर्तियो के आगे पीछे निहारने का अवसर मिला था ! इसी प्रकार अनूठी मोम की मूर्ति-कला भी देखि नई सोच नई खोज ! न्यू यार्क शहर में विश्व प्रसिद्ध मेय्द्दम -तुशात - म्यूजियम में भी मोम के बड़े बड़े मानव स्टेचू बने हे !कलाकारों की सोच कितनी रचनात्मक हे की ,इस म्यूजिम में आने वाला दर्शक पूरे संसार के महान प्रवरतक ,वैज्ञानिक ,संत ,राजनेता ,अभिनेता और महान कलाकारों की हु बहु शक्ल की मोम की मूर्तियाँ देखें !फ़िर सोचें की किस ने किस खेत्र में प्रगति करी ? क्या वह भी कुछ नया करके संसार का और देश का भला कर सकता हे ?निश्चित ही यह म्युजिंयम लोगों की सोच को विकसित करता हे ,या उनके कर्मो की खुशबु चंदन सी या फ़िर सरदार पटेल के लोह पुरूष जेसी हो ,वेसा बनने का प्रयास करें !सभी दर्शक बड़ी ही तन्मयता से मुर्तिया देख रहे थे !दो घंटे से मन कहाँ भरता हे किंतु शाम का भोजन मित्र के घर में था !इसलिए म्यूजियम की प्रशंसा करते करते विदा हुए लेकिन एक बार और देखने की इच्छा बाकि हे ! new yark से 90 मील दूर राष्ट्रपति रूसवेल्ट का निजी मकान है। फ्रैंकलिन डी रूसवेल्ट अमेरिका के ४ बार राष्ट्रपति रह चुके हैं। प्रशासन ने उनके घर को राष्ट्र-स्मारक और म्यूज़ियम की गरिमा प्रदान की है।

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