Friday, August 22, 2008

फ़िल्म इंडस्ट्री एवं नाट्य कला मंच -

और और चित्रपट जगत का इतिहास बडा पुराना हे !यहाँ की पहली रंगीन फ़िल्म देश भक्ति पर बनी जिसका नाम था बर्थ -आफ-नेशन वह १९१५ में बनी !जिसमे शहीदों की कुर्बानियो को याद किया गया ! फिल्मो पर गौर करे तो अनुभव ये मिलता हे की इंडस्ट्री ने इंसान के हर स्वभाव की पराकाष्टा तक काम किया हे ! इसने प्यार की गहराई को छुआ; तो कही क्रूरता सेक्स शोषण /तिलिस्म / रोमांच की सीमाए तोड़ डाली ! यहाँ स्टंट फिल्म बहुत बनती हे !जबकि भारत के अधिकांश लोग भावना प्रधान और घरेलु फिल्म दिखने पसंद करते हे !अमरीकी लोग रोमांचक फिल्म देख अधिक उत्साहित होते हे !कुछ नया करने के यतन करते हे !यहाँ पर स्टार वार /विज्ञान /आकाश गंगा के नए नए ग्रहों के बारे जियादा फिल्म बनाते हे नये हथियार बनाने aur dikhane में इनकी कल्पना शक्ति निराली हे !इसे ही कौन बनेंगा करोर्पति एक वर्षयहाँ चलने के बाद उसका हिन्दी वर्षंन बाद में अमिताभ बच्चन दवारा खेला गया !यहाँ के बिग ब्रदर के पश्चात बिग बॉस यहाँ के लोगो को रोटी की फ़िक्र तो हे नही इनके मन में कुछ नया करने की थिरकन होती रहती हे !इसी प्रकार चार वर्ष पूर्व एक दम नए कथानक की भावना प्रधान फ़िल्म अमेरिका ने बनाई थी!ब्रूसली -आल्ल्मैती जिसकी हिन्दी बनी गाद /भगवान् तुसी ग्रेट हो !

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