हम न्यूयार्क से शिप के दुवारा उस टापू पर उतरे जहाँ दुनिया की सबसे ऊँची मूर्तीहाथ में मशाल लिए दुनिया को गियान का प्रकाश दे रही हे ! कहते हे १८८० में यह टापू सिर्फ़ तीन एकड़ में बसा था और अमेरिका देश की यही बंदरगाह थी दुसरे देशो से आने वाले यहाँ ही आते फ़िर उनकी यहाँ पर जांच होने के बाद अमेरिका में परवेश मिलता था ! सन १९२५ से १९४० तक बड़ी तरकी हुई !इस बीच कई गुफा मार्ग बनाये गए उसमे जो मिटटी निकली वेह सब इस टापू पर डाली गई उस मेहनत से यह टापू अब २७ एकड़ का हो गया हे !इन लोगो की मेहनत का कमाल हे ! आजादी की माता बहुत ही विशाल हे और विशाल बनने का संदेश भी देती हे !इसी के पास दूसरा स्टेट न्यू जर्सी हे ! न्यूयार्क और न्यू जर्सी को मिलाने के लिए एक पुल यहाँ के इन्ग्नियरों ने बनाया हे बहुत ही विशाल जो की ७० फिट ऊँचा ६० फिट चौडा और लगभग ४००० फिट लंबा हे ! यह भी नव निर्माण की मसाल हे ! यहाँ की गगनचुम्बी इमारते देख क्रर आश्चर्य होता हे ऐसी हिम्मत और मेहनत की शक्ति इश्वर सभी को दे !
इस टापू पर हमे घूमते हुए एक बज गया !हम एक बडे क्रूजर में बेथ कर न्यू जर्सी राज्य में पहुच गए !रिम झिम बरसात होने लगी हम तेज कदमो से अपनी गाड़ी तक आ गये अब भूख लगने कगी और अपनी घर जेसा कुछ खाने का दिल था !जानकारी लेने पर पता चला ४० किलो मीटर की दुरी पर जर्सी नम का शहर हे वहा भातीय लोगो की होटल हे मुह में पानी आ गया !हम ने जर्सी का रुख किया !और पहुच गये ,इंडियन डोसा हट ,एक गुजरती लड़की इस होटल की व्यवस्था देख रही थी भीनी भीनी गंध आ रही थी !हमने दोसे का आर्डर नोट कराया और १७ न; की टेबल पर बैठ गये !थोडी देर में आवाज़ आई टेबल न; १७ का आर्डर रेडी हे हम अपना लाकर खाने बैठ गये गर्म गरमा गर्म सांबर की देगची हमारे पास रखी थी हम ने स्वेच्छा से संबर डोसा ,उत्तपम ,इडली , लेकर तबियत से खाया !काफ़ी पीते पीते ध्यान आया की शीला दीदी लड़की लवली [सारिका ]भी तो जर्सी में कही नोकरी करती हे !आँखे तलाश रही थी आज रविवार हे ,कही डोसा खाने आ निकले तो मुलाकात हो जाए !सम्पर्क करने का साधन मोबाईल था !परन्तु लवली भांजी का न; हमारे पास न था !भारत में उस वक्त रात के दो बज रहे थे वहा फोन करना अनुचित लगा !काफ़ी की चुस्किया खत्म कर गाड़ी में सवार हो गये !शहर के बहार सरार जी का पेट्रोल पम्प था वहा से टेंक फुल करवा कर ,न्यू यार्क के हाई वे क्रमांक ९३ पर ड्राइव करने लगे !
योगेश गाड़ी चला रहा था ,पार्श्व सीट पर शमिता जी , पी. एस .हेंड सेट हाथ में लेकर बेठी थी !इस के बिना तो दस कदम गाड़ी चलाना मुश्किल !यहाँ की सडको के किनारों पर पेड़ पोधे तो जी भर कर देख लो लेकिन आदम जात दिखाई नही देती !जो हमे रास्ता बता देवे !शमिता जी पि एस देख कर मार्ग की पोजीशन बताती जा रही थी दुसरे उसे तरोताजा बनाए रखने के लिए कभी भजन ,चुटकुले गीत तो कभी टाफी गोली खिला कर मनोरं
जन कर रही थी!---------
दो घंटे से गाड़ी इतनी तेज मनो हवा से बातें कर रही थी १मुझे लघु शंका निवारण की हाजत हुई ,मेने दो मिनिट गाड़ी को जंगल में एक किनारे रोकने के किए कहा !बेटे ने बताया रोड के किनारे कही भी खडे हो जाना अशिष्ट ता का सूचक हे !गाड़ी चलते हुए मार्ग संकेत से ज्ञात हुआ एक मील के भीतर रेस्तरा आने वाला हे !यह मेक्दोनल रेस्तरा था जिसकी शाखाए पूरे अमेरिका और कनाडा में हे इसमे रेस्ट रूम यानि स्वच्छ शोचालय ,पब्लिक फोन ,और पेय जल ठंडा और गर्म हर जगह मिलता हे !हम गाड़ी पार्क कर के फ्रेश हुए ,फ़िर पिजा खाया काफी लेने के बाद फ़िर सुपर हाई वे यात्रा शुरू !!हाई वे और बडे आउट लेट में तो थ्रू ड्राइव सिस्टम भी रहता हे ! यानि आपको कार से उतरने की आवश्कता नही !जैसे पेट्रोल पम्प पर हवा भरने का बूथ रहता हे !इसी प्रकार के बूथ के सामने गाड़ी रोक दे !वहा लगे मीनू कार्ड में पद कर बेठे बेठे माइक पर आर्डर दे दे !बीस कदम बाद पहली विंडो में आपका बिल तेयार हे ,यहाँ आप भुगतान करे ! अगले १५-बीस कदम बाद आपको डिलेवरी विंडो में सामान मिल जाएगा !आप कार में बेठे बेठे नास्ता, खाना लेकर आगे की यात्रा चलू भी रख सकते हे !बहुत व्यस्त नागरिक समय बचाने के लिए ड्राइव थ्रू जाना पसंद करते हे !यही सिस्टम सी ,वि , एस ,फार्मेसी शोरूम में भी लागु हे !जो दवा के लिए २४ घंटे चालू रहता हे !पीजा किंग ,द्न्किन,दुनौत और पनेरा ब्रेड आदि रेस्त्राओ में भी सिटिंग के साथ ड्राइव थ्रू से भी खान पान उपलब्ध कराया जाता हे !
Monday, August 11, 2008
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